‘गोल्डन डोम’मिसाइल डिफेंस तैयार करने जा रहा अमेरिका, अरबों का होगा खर्च; सुनते ही चौंक गए जिनपिंग!

    अमेरिका अब अपनी रक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ऐलान किया है कि अमेरिका इजरायल की ‘आयरन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तर्ज पर एक नई और उन्नत ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करेगा.

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    अमेरिका अब अपनी रक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ऐलान किया है कि अमेरिका इजरायल की ‘आयरन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तर्ज पर एक नई और उन्नत ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करेगा. यह प्रणाली दुश्मनों की मिसाइलों को अंतरिक्ष में ही नष्ट कर देगी, जिससे अमेरिका की सुरक्षा और भी अभेद्य हो जाएगी.

    स्पेस-बेस्ड सुरक्षा कवच की नींव

    ट्रंप ने इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि ‘गोल्डन डोम’ पूरी तरह उपग्रह-आधारित (Satellite-Based) रक्षा प्रणाली होगी, जो अमेरिका को अंतरिक्ष से होने वाले हमलों से भी सुरक्षित रखेगी. इस परियोजना के लिए $175 बिलियन की लागत अनुमानित है, जिसमें से $25 बिलियन का बजट अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तावित किया गया है.

    ट्रंप ने इस परियोजना की तुलना अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के ‘स्टार वॉर्स’ डिफेंस आइडिया से की. उन्होंने कहा, रीगन भी ऐसी ही मिसाइल डिफेंस प्रणाली बनाना चाहते थे, लेकिन उस दौर में टेक्नोलॉजी का अभाव था. अब हमारे पास वह तकनीक मौजूद है और हम इसे हकीकत में बदलने जा रहे हैं.

    कार्यकाल के अंत तक बनकर तैयार होने का दावा

    पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि यह परियोजना उनके कार्यकाल के अंतिम वर्षों तक पूरी हो जाएगी. उनका दावा है कि यह अमेरिका को मिसाइल खतरों से बचाने वाली अब तक की सबसे अत्याधुनिक और प्रभावशाली रक्षा प्रणाली होगी. ट्रंप ने कहा, "मैंने अपने चुनाव अभियान के दौरान अमेरिकी नागरिकों से वादा किया था कि एक आधुनिक मिसाइल डिफेंस कवच तैयार करूंगा, और आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हम उस दिशा में आगे बढ़ चुके हैं."

    कनाडा ने भी दिखाई रुचि

    अमेरिका की इस महत्वाकांक्षी योजना में उसके पड़ोसी कनाडा ने भी रुचि दिखाई है. उम्मीद की जा रही है कि यदि यह योजना सफल होती है, तो अमेरिका पहला ऐसा देश बन जाएगा, जो अंतरिक्ष में मिसाइल-रोधी हथियारों को तैनात करेगा.

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