वॉशिंगटन/तेल अवीव: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सैन्य कार्रवाईयों को लेकर अमेरिका के ट्रंप प्रशासन में असहमति और नाराजगी बढ़ती जा रही है. अमेरिकी मीडिया पोर्टल Axios की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने नेतन्याहू की सीरिया नीति पर आंतरिक बैठकों में कड़ी आलोचना की और इसे "गैर-जिम्मेदार और आक्रामक" बताया.
रिपोर्ट में कम से कम छह अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी गई कि इजरायली कार्रवाईयों ने क्षेत्र में चल रही कूटनीतिक प्रक्रियाओं को प्रभावित किया, जिससे ट्रंप प्रशासन की रणनीति को झटका लगा.
नेतन्याहू की सैन्य नीति से ट्रंप प्रशासन में बेचैनी
सूत्रों के मुताबिक, नेतन्याहू द्वारा सीरिया में लगातार की जा रही बमबारी से व्हाइट हाउस असहज हो गया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने टिप्पणी करते हुए कहा, "बिबी (नेतन्याहू) का रवैया बहुत उग्र है. वह हर मोर्चे पर हमला कर रहे हैं और इससे अमेरिका की कूटनीतिक रणनीति को नुकसान हो रहा है."
इसी अधिकारी ने यह भी जोड़ा कि नेतन्याहू की कार्यशैली "एक जिद्दी बच्चे की तरह है जो किसी की बात नहीं सुनता और अपनी मनमानी करता है."
व्हाइट हाउस की चिंता तब और बढ़ गई जब गाजा में एक चर्च पर इजरायल की ओर से बमबारी की खबर आई. इस घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से नेतन्याहू को फोन कर स्पष्टीकरण मांगा.
सीरिया में कार्रवाई बनी विवाद का केंद्र
हालिया विवाद की जड़ सीरिया के सुवैदा क्षेत्र में हुआ इजरायली हमला है. इजरायल का कहना है कि सीरियाई सेना ने डिमिलिट्राइज्ड ज़ोन में घुसपैठ की और ड्रूज़ समुदाय को निशाना बनाया, जिसके जवाब में उसने यह कार्रवाई की. हालांकि, सीरियाई सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले ने अमेरिका और इजरायल के संबंधों में पहले से चले आ रहे तनाव को और बढ़ा दिया है.
सार्वजनिक मौन, लेकिन अंदरूनी असहमति
ट्रंप प्रशासन ने अब तक इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक आलोचना नहीं की, लेकिन Axios की रिपोर्ट बताती है कि आंतरिक स्तर पर व्हाइट हाउस में गंभीर मतभेद थे. अधिकारियों का कहना था कि नेतन्याहू की सैन्य कार्रवाइयों के कारण ट्रंप प्रशासन द्वारा सीरिया में चल रहे कई कूटनीतिक प्रयास विफल हो सकते हैं.
एक अधिकारी ने कहा, "हर दिन कोई नया संकट सामने आ रहा है, और यह अमेरिका की मध्य-पूर्व नीति को अस्थिर कर रहा है."
रिश्तों पर संभावित असर
इजरायल और अमेरिका लंबे समय से रणनीतिक साझेदार रहे हैं. लेकिन यह घटनाक्रम यह संकेत देता है कि जब गठबंधन देशों के हित और दृष्टिकोण मेल नहीं खाते, तो सामंजस्य बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
नेतन्याहू के सख्त सैन्य रुख ने अमेरिका को असहज किया है, खासकर उस वक्त जब ट्रंप प्रशासन सीरिया में एक संतुलित और स्थायी समाधान की दिशा में काम कर रहा था.
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