ट्रंप ने पुतिन को दिखाई आंख! रूस ने निकाल दी सारी हेकड़ी; पनडुब्बी के जवाब में निकाला ये 'ब्रह्मास्त्र'

    America and Russia News: दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु ताकतें एक बार फिर आमने-सामने खड़ी हो गई हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने का आदेश दे दिया है.

    America and Russia conflict over trump remarks putin plan to attack with hypersonic missile
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    America and Russia News: दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु ताकतें एक बार फिर आमने-सामने खड़ी हो गई हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने का आदेश दे दिया है. यह फैसला उन्होंने पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की ओर से दिए गए भड़काऊ बयानों के जवाब में लिया है.

    ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा, शब्दों का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है. कई बार लापरवाह बयान भारी पड़ सकते हैं. मुझे उम्मीद है कि भविष्य में यह दोहराया नहीं जाएगा.  इस बयान के कुछ ही घंटे बाद, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी एक ऐसा फैसला किया, जिसने यूरोप के सामरिक संतुलन को झकझोर कर रख दिया है. पुतिन ने ऐलान किया कि रूस अपनी सबसे उन्नत और घातक हाइपरसोनिक मिसाइल ‘ओरेशनिक’ का निर्माण तेज़ी से कर रहा है, और साल के अंत तक इसे बेलारूस में तैनात कर दिया जाएगा.

    बेलारूस से यूक्रेन तक मिसाइल की धमक


    रूस की योजना के मुताबिक, ‘ओरेशनिक’ मिसाइल बेलारूस की उस सीमा के पास तैनात की जाएगी जो सीधे यूक्रेन के उत्तरी इलाके से लगती है. यह वही इलाका है जहां से अतीत में रूसी सेना ने यूक्रेन में घुसपैठ की थी. इस फैसले के पीछे केवल सामरिक उद्देश्य नहीं हैं, बल्कि यह नाटो और पश्चिमी देशों को भेजा गया स्पष्ट संदेश भी है. रूसी राष्ट्रपति ने इस योजना की जानकारी वलाम द्वीप पर बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको के साथ बैठक के दौरान दी. उन्होंने कहा कि बेलारूस में ‘ओरेशनिक’ की तैनाती के लिए स्थानों का चयन पहले ही किया जा चुका है और वहां साजो-सामान की तैयारी जोरों पर है.

    क्या है 'ओरेशनिक', और क्यों यूरोप कांपता है इसका नाम सुनकर?


    ‘ओरेशनिक’ कोई आम मिसाइल नहीं है. रूस ने इसे सबसे पहले पिछले साल नवंबर में यूक्रेन के ड्नीप्रो शहर में एक सर्जिकल हमले के तौर पर प्रयोग किया था. उस हमले में यह मिसाइल एक पुराने मिसाइल कारखाने को बेहद सटीकता से तबाह कर गई थी. अब इसे सक्रिय सेवा में शामिल कर लिया गया है. इसकी रफ्तार मैक 10 यानी आवाज की गति से 10 गुना अधिक है. पुतिन के अनुसार, यह किसी भी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है. इसकी विस्फोटक क्षमता इतनी अधिक है कि पारंपरिक हथियारों के बावजूद यह हमला परमाणु हमले जैसी तबाही मचा सकता है.

    भारत की ब्रह्मोस बनाम रूस की ओरेशनिक: तुलना में अंतर
    हालांकि भारत और रूस के सामरिक संबंध गहरे हैं, फिर भी 'ओरेशनिक' और भारत की 'ब्रह्मोस' मिसाइल को एक ही तराजू में तौलना उचित नहीं होगा.

    विशेषता    ब्रह्मोस    ओरेशनिक

    • श्रेणी    सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल    हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल
    • अधिकतम गति    Mach 2.8 - 3    Mach 10 (ध्वनि से 10 गुना तेज़)
    • मारक दूरी    ~800 किमी    ~2000 किमी या उससे अधिक
    • उद्देश्य    सटीक लक्ष्य भेदन (नौसेना, ज़मीनी ठिकाने)    बड़े इलाके में सामरिक दबाव बनाना
    • वारहेड क्षमता    पारंपरिक    पारंपरिक न्यूक्लियर संभावित

    ब्रह्मोस जहां सटीक हमले के लिए प्रसिद्ध है, वहीं ओरेशनिक का मकसद है – डर, दबाव और सामरिक संतुलन को चुनौती देना.

    संदेश स्पष्ट है शांति की बजाय शक्ति प्रदर्शन


    ट्रंप और पुतिन के एक के बाद एक आए इन बयानों से साफ हो गया है कि आने वाले हफ्तों में पूर्वी यूरोप में तनाव और गहराने वाला है. अमेरिका ने परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती कर दी है. रूस ने बेलारूस में मिसाइलें लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. यूक्रेन पहले से ही संघर्ष के केंद्र में है, और अब उसका उत्तरी सीमा भी सक्रिय हो सकती है.

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