'तुम कहां से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हो?', जब वीडियो कॉल पर अखिलेश ने तेज प्रताप से पूछा, जानिए क्या जवाब मिला

    राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से निष्कासित तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार वजह है समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव से हुई उनकी वीडियो कॉल.

    Akhilesh asked Tej Pratap on video call
    अखिलेश-तेज प्रताप | Photo: ANI/X

    बिहार की राजनीति में इन दिनों एक अलग ही हलचल देखने को मिल रही है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से निष्कासित तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार वजह है समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव से हुई उनकी वीडियो कॉल. यह बातचीत सिर्फ एक औपचारिक चर्चा नहीं थी, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी गहराई से जोड़े जा रहे हैं.

    तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर इस बातचीत की झलक साझा की और लिखा कि अखिलेश यादव का यह कॉल उनके लिए भावनात्मक सहारा साबित हुआ. उन्होंने कहा, "अखिलेश जी मेरे दिल के बहुत करीब हैं, जब उनका अचानक कॉल आया तो लगा जैसे मैं इस संघर्ष में अकेला नहीं हूं."

    क्या महुआ से लड़ेंगे चुनाव?

    इस बातचीत का सबसे अहम हिस्सा तब आया जब अखिलेश यादव ने तेज प्रताप से सीधे पूछा, "तुम कहां से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हो?" इसके जवाब में तेज प्रताप ने लखनऊ आकर मिलने की बात कही, लेकिन सीट के नाम का खुलासा नहीं किया. हालांकि, सूत्रों की मानें तो तेज प्रताप महुआ या हसनपुर से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.

    महुआ सीट तेज प्रताप के लिए कोई नई जगह नहीं है. 2015 में वह यहीं से विधायक बने थे और 2025 में भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. उन्होंने सार्वजनिक मंचों से महुआ में हुए विकास कार्यों का उल्लेख भी किया था.

    सपा के साथ गठजोड़ या नई पार्टी?

    तेज प्रताप के आरजेडी से निष्कासन के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं. उनके पास कई विकल्प हैं—या तो वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ें, या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरें. एक विकल्प यह भी हो सकता है कि वे अपनी नई पार्टी बनाएं, हालांकि चार महीने में किसी नए संगठन को खड़ा करना चुनौतीपूर्ण होगा.

    तेज प्रताप पहले भी 'यदुवंशी सेना' और 'तेज सेना' जैसे संगठन खड़े कर चुके हैं, जिससे उनकी राजनीतिक सक्रियता बनी रही है. लेकिन इस बार के घटनाक्रम ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वे अब अपनी अगली रणनीति को सपा के साथ मिलकर आगे बढ़ा सकते हैं.

    सपा के लिए भी मौके की घड़ी

    समाजवादी पार्टी की बिहार में भले ही सांगठनिक ताकत सीमित हो, लेकिन वह यादव वोट बैंक को साधने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. तेज प्रताप जैसे चेहरों का साथ मिलना सपा के लिए एक मौका बन सकता है. वहीं तेज प्रताप को भी एक नई राजनीतिक छतरी मिल सकती है, जिससे वह खुद को दोबारा स्थापित कर सकें.

    पारिवारिक और राजनीतिक झटकों के बीच नया रास्ता

    गौरतलब है कि 25 मई 2025 को लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसके साथ ही उन्हें परिवार से भी बेदखल कर दिया गया. इसके बाद से तेज प्रताप के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.

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