DRDO बना रहा ऐसा रॉकेट, जिसे पकड़ नहीं पाएगा एयर डिफेंस सिस्टम, भारत उड़ाएगा चीन-पाकिस्तान के होश!

    भारत की सामरिक रक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पिनाका-IV नामक एक नई पीढ़ी के गाइडेड रॉकेट सिस्टम पर काम शुरू कर दिया है.

    Air defense system will not be able to catch DRDOs rocket
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत की सामरिक रक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पिनाका-IV नामक एक नई पीढ़ी के गाइडेड रॉकेट सिस्टम पर काम शुरू कर दिया है. इस प्रणाली को 300 किलोमीटर तक की मारक दूरी के साथ उच्च सटीकता से लक्ष्य भेदने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है.

    प्रोजेक्ट की समयरेखा और तकनीकी प्रगति

    रक्षा मामलों से जुड़े पोर्टल IDRW (Indian Defence Research Wing) की रिपोर्ट के अनुसार, पिनाका-IV का परीक्षण चरण 2028 में आरंभ होने की संभावना है. यह प्रणाली DRDO के Armament Research & Development Establishment (ARDE) द्वारा विकसित की जा रही है, और इसमें निजी क्षेत्र की Solar Industries Limited भी साझेदार है.

    इस गाइडेड रॉकेट प्रणाली को सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे ‘प्रलय’ से प्रेरणा लेते हुए तैयार किया जा रहा है. इसका उद्देश्य अत्याधुनिक एयर डिफेंस प्रणालियों को चकमा देना और दुश्मन के उच्च-मूल्य के सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाना है.

    पिनाका प्रणाली का विकास और वर्तमान स्वरूप

    पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) प्रणाली की शुरुआत कारगिल युद्ध के बाद हुई थी, जब इसे भारतीय सेना की तोपखाना रेजीमेंट में शामिल किया गया था. इस प्रणाली का नाम हिंदू पौराणिक गाथाओं में भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ से प्रेरित है.

    • Mk-I वर्जन: 40 किमी रेंज
    • Mk-II और Mk-III: क्रमशः 75-90 किमी और 120 किमी रेंज
    • Pinaka-IV: अब 300 किमी तक की सटीक मारक क्षमता की दिशा में विकास

    यह क्रमिक विकास भारत के रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम को सामरिक दूरी तक विस्तारित करने की दिशा में एक बड़ा रणनीतिक परिवर्तन दर्शाता है.

    प्रमुख विशेषताएँ: पिनाका-IV क्यों है विशिष्ट

    कैलिबर अपग्रेड: पिनाका-IV में पहले के 214 मिमी के मुकाबले 300 मिमी कैलिबर का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह 250 किलोग्राम तक के वॉरहेड ले जाने में सक्षम होगा.

    सटीकता: DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) द्वारा विकसित गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रोल (GNC) सिस्टम की मदद से यह प्रणाली 10 मीटर से कम CEP (Circular Error Probable) के साथ टार्गेट पर सटीक वार कर सकती है.

    कॉस्ट-इफेक्टिव समाधान: यह प्रणाली सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों के एक किफायती विकल्प के रूप में देखी जा रही है, विशेष रूप से सीमित दूरी की अभियानों में.

    रणनीतिक उपयोग और लक्षित मिशन प्रोफाइल

    पिनाका-IV को कमांड सेंटर्स, लॉजिस्टिक हब्स, एयर डिफेंस सिस्टम्स, और अन्य हाई-वैल्यू टारगेट्स को नष्ट करने के उद्देश्य से डिजाइन किया जा रहा है. इसकी लंबी दूरी और बेहतर गाइडेंस क्षमता इसे सीमावर्ती इलाकों और संघर्ष-सम्भावित क्षेत्रों में एक प्रभावी प्रहारक क्षमता प्रदान करेगी.

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