12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर एअर इंडिया के एक विमान के भीषण दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. फ्लाइट में मौजूद 242 लोगों में से केवल एक ही व्यक्ति की जान बची थी. तब से लेकर अब तक इस हादसे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. सबसे बड़ा सवाल यही था कि गलती आखिर किसकी थी?
अब इस मामले में अमेरिका से आई एक रिपोर्ट ने पूरी दिशा ही बदल दी है. पीड़ितों के परिजनों की ओर से केस लड़ रहे वरिष्ठ अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज ने बड़ा दावा किया है कि यह हादसा पायलट की चूक से नहीं, बल्कि तकनीकी खराबी यानी शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ.
"पायलट निर्दोष, असली वजह तकनीकी खामी"
वकील माइक एंड्रयूज का कहना है कि विमान के वाटर टैंक से हुए रिसाव के कारण इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में नमी घुस गई, जिससे शॉर्ट सर्किट हुआ. उन्होंने अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) के हालिया सुरक्षा निर्देशों का हवाला देते हुए यह तर्क पेश किया है. एंड्रयूज के अनुसार, शॉर्ट सर्किट की वजह से फ्यूल स्विच अपने आप बंद हो सकता है, और यही इस भीषण दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह बनी.
FAA की चेतावनी पहले ही थी जारी
FAA ने 14 मई 2025 को एक तकनीकी चेतावनी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि बोइंग 787-8, 787-9 और 787-10 मॉडल विमानों की वाटर लाइन कपलिंग में रिसाव के मामले पाए गए हैं. ये रिसाव विमान के इलेक्ट्रॉनिक हिस्सों तक पहुंचकर उन्हें गीला कर सकते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट और सिस्टम फेलियर की संभावना बनी रहती है. गौरतलब है कि दुर्घटनाग्रस्त हुआ एअर इंडिया का विमान भी बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मॉडल का था.
वकील ने मांगा ब्लैक बॉक्स डेटा
माइक एंड्रयूज ने अमेरिका के कानून के तहत फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) का डेटा सार्वजनिक करने की याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि जब तक ब्लैक बॉक्स का डेटा सामने नहीं आता, तब तक पायलट को दोष देना तकनीकी रूप से गलत है. वकील ने साफ किया है कि यदि जांच में शॉर्ट सर्किट की बात सिद्ध होती है, तो यह निर्माता की जिम्मेदारी होगी, न कि पायलट की.
पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की कोशिश
एंड्रयूज इस मामले में सिर्फ कानूनी प्रतिनिधि नहीं हैं, बल्कि वे पीड़ितों के परिवारों की ओर से एक मजबूत आवाज भी बनना चाहते हैं. उनका कहना है कि,“जब तकनीकी खामी की संभावना मौजूद हो, तो हमें इंसानी चूक का ठप्पा लगाने से पहले हर एंगल से जांच करनी चाहिए.”
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