भारत का 'ब्रह्मासत्र' अग्नि 5 मिसाइल, जो उड़ा दे चीन के भी होश; यूं ही नहीं कांपता पाकिस्तान!

    भारत ने हाल ही में अपने सामरिक रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर तक है.

    agni 5 missile can target both china and pakistan tested
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    भारत ने हाल ही में अपने सामरिक रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर तक है. इस परीक्षण से भारत ने अपनी सुरक्षा तैयारियों और रणनीतिक ताकत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.

    यह परीक्षण ऐसे समय पर हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा प्रस्तावित है और दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बना हुआ है.

    MIRV तकनीक से लैस अग्नि-5: एक ही मिसाइल, कई निशाने

    अग्नि-5 को इसकी आधुनिक तकनीक विशेष बनाती है. यह मिसाइल MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस है, जिससे यह एक साथ कई परमाणु वारहेड (हथियार) लेकर अलग-अलग लक्ष्यों को भेद सकती है. इस तकनीक की वजह से दुश्मन की हवाई सुरक्षा प्रणालियों को चकमा देना आसान हो जाता है, जिससे इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है.

    इस तकनीक के साथ भारत अब उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जिनके पास यह क्षमता है—जैसे अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन. हालांकि, इसे पूरी तरह से कार्यान्वित करने में कुछ साल और लग सकते हैं, क्योंकि वर्तमान में भारत के पास सिंगल वारहेड मिसाइलें ही तैनात हैं.

    स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड और भारत की परमाणु नीति

    इस परीक्षण को भारत की सामरिक बल कमान (SFC) द्वारा अंजाम दिया गया, जो देश के परमाणु शस्त्रागार की निगरानी और संचालन के लिए जिम्मेदार है. यह कमान वर्ष 2003 में स्थापित की गई थी और इसके पास वर्तमान में पृथ्वी-2, अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3 जैसी मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर से लेकर 3,000 किलोमीटर तक है.

    अग्नि-5 के जुड़ने से भारत की जवाबी हमले की क्षमता और मजबूत हुई है. भारत की परमाणु नीति 'नो फर्स्ट यूज' (पहले प्रयोग नहीं करेंगे) पर आधारित है, लेकिन साथ ही देश यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यदि उस पर हमला होता है तो वह तगड़ा जवाब देने में सक्षम हो.

    पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों पर भारत की नजर

    पिछले कुछ वर्षों से भारत का ध्यान चीन और पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों पर रहा है. चीन की DF-41 ICBM मिसाइलें एक साथ 10 से 12 परमाणु हथियार ले जा सकती हैं और इसकी रेंज 12,000 किलोमीटर से अधिक है. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन 300 से ज्यादा नए मिसाइल साइलो बना रहा है, और उसके पास लगभग 600 परमाणु हथियार हैं—2030 तक यह संख्या 1,000 के पार जा सकती है.

    वहीं पाकिस्तान की बात करें तो उसके पास करीब 170 परमाणु हथियार हैं और वह MIRV तकनीक विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है. माना जा रहा है कि चीन इसमें उसकी मदद कर रहा है, लेकिन अभी तक पाकिस्तान के पास तैनात ऐसी कोई मिसाइल नहीं है जो एक साथ कई हथियार ले जा सके.

    भारत की मिसाइल ताकत और हाल के ऑपरेशन

    भारत ने अग्नि शृंखला के अलावा पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें भी विकसित की हैं. ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है. यह मिसाइल हाल में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चर्चा में आई थी, जब भारत ने आतंकवादी हमले के जवाब में सीमा पार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था. इस ऑपरेशन में चीन और तुर्किये से प्राप्त पाकिस्तानी हथियारों को भी नष्ट किया गया. 

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