पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में डर का माहौल, भारत के एक्शन से पहले ही बिलबिलाने लगे पूर्व उच्चायुक्त

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में हलचल तेज़ हो गई है. आतंकी संगठन TRF द्वारा 27 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य गलियारों में सतर्कता बढ़ गई है.

    After the Pahalgam attack there is an atmosphere of fear in Pakistan even before India took action
    पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित/Photo- Internet

    इस्लामाबाद/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में हलचल तेज़ हो गई है. आतंकी संगठन TRF द्वारा 27 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य गलियारों में सतर्कता बढ़ गई है.

    फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट FlightRadar24 के डेटा के अनुसार, सोमवार शाम से पाकिस्तानी एयरस्पेस में सैन्य गतिविधियों में असामान्य वृद्धि देखी गई. विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिविधियां भारत की ओर से संभावित रणनीतिक जवाब की आशंका को लेकर हैं.

    बासित की टिप्पणी और पाकिस्तान की चिंता

    भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के ज़रिए भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई की संभावना को लेकर प्रतिक्रिया दी. 

    उन्होंने कहा: "मुझे पूरा विश्वास है कि पाकिस्तान भारत की किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई को निष्फल करने के लिए तैयार है. यदि ऐसा कोई दुस्साहस किया गया, तो इस बार पाकिस्तान की प्रतिक्रिया कहीं अधिक तीव्र और निर्णायक होगी."

    यह बयान पाकिस्तान की ओर से लगातार जारी उन प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला का हिस्सा है, जो भारत की संभावित रणनीतिक प्रतिक्रिया को लेकर घबराहट और सतर्कता को दर्शाता है.

    सवाल खड़े कर प्रोपेगैंडा फैलाने की कोशिश?

    इससे पहले, अब्दुल बासित ने पहलगाम हमले को लेकर एक और विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने हमले को "सेटअप" करार दिया. उन्होंने लिखा: "कश्मीरी मुजाहिदीन आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाते."

    यह बयान पाकिस्तान के पूर्व अधिकारियों द्वारा बार-बार अपनाए गए उस रुख को दोहराता है, जिसमें आतंकवाद को लेकर जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति देखी जाती है.

    रक्षा मंत्री का बयान और भारत पर आरोप

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी इस घटना को लेकर एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए विवादास्पद टिप्पणी की. उन्होंने कहा: "दिल्ली में जो हुकूमत है, उसके खिलाफ बगावत है... ये भीतर से उपजा हुआ है. अल्पसंख्यकों का शोषण हो रहा है. हम आतंकवाद को समर्थन नहीं देते."

    इस बयान में एक ओर जहां पाकिस्तान आतंकवादी हमले से खुद को अलग करता दिखा, वहीं भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी कर राजनीतिक बयानबाजी में भी शामिल हो गया.

    भारत की प्रतिक्रिया: संयम और तैयारी दोनों संभव

    भारत सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक सैन्य प्रतिक्रिया या घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां और रणनीतिक विश्लेषक इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद की सबसे बड़ी चुनौती मान रहे हैं.

    बालाकोट स्ट्राइक जैसे उदाहरण यह संकेत देते हैं कि भारत की नीति "नो टॉलरेंस फॉर टेरर" पर आधारित है. ऐसे में किसी संभावित जवाबी कार्रवाई से इनकार नहीं किया जा सकता.

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