वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है. यह नामांकन मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम कराने में उनकी भूमिका के लिए किया गया है.
नामांकन की सिफारिश अमेरिकी कांग्रेस सदस्य बडी कार्टर ने की है. उन्होंने नॉर्वे स्थित नोबेल कमेटी को भेजे पत्र में कहा कि ट्रंप के नेतृत्व ने एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष को टालने में अहम भूमिका निभाई और एक ऐसे देश को परमाणु हथियारों से दूर रखा जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के समर्थन के लिए आलोचना मिलती रही है.
मध्य पूर्व में राजनयिक पहल
बीते हफ्तों में, ईरान और इजरायल के बीच चली 12 दिन की सैन्य झड़पों के बाद एक पूर्ण युद्ध की आशंका थी. लेकिन अमेरिका और कतर की संयुक्त मध्यस्थता के ज़रिये 24 जून को सीजफायर की घोषणा हुई.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा, "इजरायल और ईरान दोनों ही शांति के इच्छुक थे. वे मेरे पास लगभग एक साथ आए. मुझे पता था कि यह युद्ध समाप्त करने का क्षण है. असली विजेता दुनिया और मध्य पूर्व हैं."
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए यह पहला नामांकन नहीं
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया हो. इससे पहले भी उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच वार्ता में भूमिका निभाने, अब्राहम समझौते और हाल ही में 2024 अमेरिकी चुनाव परिणामों के शांतिपूर्ण प्रभाव को लेकर नामांकन किए जा चुके हैं.
पाकिस्तान से भी मिला समर्थन
दिलचस्प बात यह है कि इस बार ट्रंप को पाकिस्तान से भी समर्थन मिला है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी नोबेल कमेटी को पत्र भेजकर भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान ट्रंप की मध्यस्थता की सराहना की है. उन्होंने लिखा कि ट्रंप की कूटनीतिक पहल ने एक बड़े सैन्य टकराव को रोका और क्षेत्रीय स्थिरता की संभावनाएं पैदा कीं.
हालांकि भारत की ओर से इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन सरकार के सूत्रों का कहना है कि भारत-पाक संघर्ष विराम का निर्णय सीधे सैन्य स्तर की बातचीत और भारतीय शर्तों पर आधारित था.
नामांकन का मतलब क्या है?
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की प्रक्रिया पारदर्शी है और दुनियाभर के सांसद, प्रोफेसर, और संगठन इसकी सिफारिश कर सकते हैं. हर साल सैकड़ों नामांकन आते हैं, लेकिन केवल कुछ ही व्यक्तियों या संगठनों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है.
ट्रंप का नामांकन इस बात का प्रतीक है कि उनकी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को एक वर्ग में गंभीरता से लिया जा रहा है, भले ही घरेलू राजनीति में उनकी छवि विभाजनकारी रही हो.
क्या ट्रंप को मिलेगा नोबेल?
यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि ट्रंप को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलेगा या नहीं. लेकिन यह साफ है कि उनकी हालिया भूमिका को वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के रूप में देखा गया है.
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