Bulldozers Action On Changur: उत्तर प्रदेश में मतांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों पर शिकंजा अब सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रह गया है. प्रशासन ने अब अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी है.
इस कड़ी में पहला बड़ा कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने छांगुर के भतीजे सबरोज द्वारा अवैध कब्जे पर बनाए गए मकान को जेसीबी चलाकर ध्वस्त कर दिया. कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती रही.
परती ज़मीन पर था अवैध निर्माण
रेहरामाफी गांव में बने इस मकान को नवीन परती की ज़मीन पर अवैध कब्जे के आधार पर गिराया गया. एसडीएम सत्यपाल प्रजापति ने पुष्टि की कि यह कार्रवाई नायब तहसीलदार प्रतिमा मौर्या की निगरानी में संपन्न हुई.
10 संपत्तियां चिह्नित, कार्रवाई होगी तेज
अब तक की जांच में छांगुर, नीतू, नवीन और महबूब के नाम से खरीदी गई 10 संपत्तियों को चिह्नित किया गया है. सभी संपत्तियां 2020 और 2021 के बीच खरीदी गई थीं.
इनमें प्रमुख हैं:
नीतू द्वारा मधपुर में ₹1.25 करोड़ की कृषि भूमि
नवीन के नाम चांद औलिया मधपुर में ₹65 लाख व ₹42 लाख की दो संपत्तियां
नीतू के नाम सुभाषनगर, उतरौला में ₹64 लाख
लालगंज, उतरौला में ₹1.15 करोड़ की खरीद
इनके अलावा मधपुर, सुभाषनगर, मनकापुर मार्ग और रेहरामाफी में भी जमीनों की पहचान की गई है. अन्य जिलों में भी जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है.
एटीएस की कार्रवाई और आगे की तैयारी
एटीएस की एफआईआर में छांगुर समेत 18 लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से 8 को गिरफ्तार किया जा चुका है और 9 की तलाश जारी है. इन सभी के नाम जुड़ी संपत्तियों और उनके स्रोतों की गहन जांच की जा रही है. एटीएस के इनपुट के अनुसार, विदेशी फंडिंग से जमीन खरीदने और प्लाटिंग करने की पुष्टि हुई है.
प्लॉटिंग और स्थानीय कारोबारियों पर भी निगरानी
उतरौला नगर और आसपास के क्षेत्रों में हो रही प्लॉटिंग की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें कहीं छांगुर या उसके साथियों की भूमिका तो नहीं. इस नेटवर्क से जुड़े कुछ कारोबारियों के स्थानीय पुलिस से संबंध भी सामने आ रहे हैं, जिस पर प्रशासन नजर बनाए हुए है.
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