पूर्णिया में बन रहा बिहार का तीसरा खादी मॉल, ग्रामीण उत्पादों को मिलेगा नया बाजार, 60% काम पूरा

    Khadi Mall In Purnia: बिहार में खादी और ग्रामोद्योग को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया गया है. अब राज्य के पूर्णिया जिले में तीसरा खादी मॉल बनाया जा रहा है.

    Bihar's third Khadi mall is being built in Purnia
    Image Source: ANI/ File

    Khadi Mall In Purnia: बिहार में खादी और ग्रामोद्योग को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया गया है. अब राज्य के पूर्णिया जिले में तीसरा खादी मॉल बनाया जा रहा है, जो न सिर्फ ग्रामीण शिल्प और हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए एक नया बाजार बनेगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा.

    भट्ठी चौक, पूर्णिया में बन रहा यह तीन मंजिला मॉल 14,633 वर्गफुट में फैला होगा और इसकी लागत लगभग 6.64 करोड़ रुपये आंकी गई है. फिलहाल मॉल का 60% से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष काम तेजी से अंतिम चरण में है. इसे जल्द ही जनता के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है. राज्य सरकार ने इस परियोजना की जानकारी अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से साझा की, जिससे साफ है कि यह मॉल सरकारी प्राथमिकताओं में शामिल है.

    खादी मॉल में क्या मिलेगा?

    यह मॉल सिर्फ खादी के कपड़ों तक सीमित नहीं रहेगा. यहां उपलब्ध होंगे:

    हस्तनिर्मित वस्त्र और घरेलू उपयोग की चीजें

    ग्रामोद्योग से जुड़े पारंपरिक उत्पाद

    हर्बल और प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन

    स्थानीय शिल्पकारों की अनूठी कलाकृतियां

    इससे शहरी उपभोक्ताओं को गांव की मिट्टी से जुड़े उत्पादों तक सीधी पहुंच मिलेगी, और कारीगरों को उनकी मेहनत का बेहतर मूल्य मिल सकेगा.

    पूर्वी बिहार के लिए बनेगा रोल मॉडल

    पूर्णिया का यह खादी मॉल सिर्फ एक दुकान नहीं, बल्कि पूर्वी बिहार के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट है. इसके माध्यम से न केवल पूर्णिया, बल्कि आसपास के सीमावर्ती जिलों जैसे किशनगंज, अररिया और कटिहार के कारीगरों को भी लाभ मिलेगा. इससे स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा.

    पहले से दो मॉल हो चुके हैं शुरू

    गौरतलब है कि इससे पहले पटना और मुजफ्फरपुर में दो खादी मॉल पहले ही सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं. अब राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इन मॉडलों के माध्यम से खादी को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाए और युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जाए.

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