Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में मेट्रो रेल की योजना अब तेजी से आकार ले रही है. अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) ने मेट्रो रेल चलाने की संभावना पर आधारित प्रारंभिक सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेजी है. इस रिपोर्ट में मेट्रो को शहर के लिए एक महत्वपूर्ण और आवश्यक सार्वजनिक परिवहन विकल्प के रूप में देखा गया है. शहर के बढ़ते जनसंख्या दबाव और यातायात की बढ़ती समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, यह कदम आगामी वर्षों में शहरवासियों के लिए राहत का कारण बन सकता है.
एडीए की सर्वे रिपोर्ट
एडीए की रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आने वाले 15 वर्षों में अलीगढ़ की जनसंख्या में बढ़ोतरी होगी, और यह संख्या 29 लाख तक पहुँच सकती है. शहर में बढ़ती आबादी के साथ-साथ यातायात का दबाव भी बढ़ेगा, जिससे सार्वजनिक परिवहन के प्रभावी विकल्प की जरूरत और अधिक महसूस होगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्तमान में शहर की 74% आबादी निजी वाहनों का इस्तेमाल करती है, जिसमें दोपहिया और चारपहिया दोनों वाहन शामिल हैं. इससे शहर में जाम की समस्या लगातार बढ़ रही है, और यह प्रदूषण को भी बढ़ावा दे रहा है.
मेट्रो से बढ़ेगी यात्रा की सुगमता
अलीगढ़ के बढ़ते यातायात दबाव और जाम की समस्या को देखते हुए, मेट्रो रेल शहर के लिए एक बेहतरीन सार्वजनिक परिवहन विकल्प साबित हो सकती है. यह न केवल यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि प्रदूषण और यातायात जाम की समस्या को भी कम करेगा. मेट्रो के द्वारा लोगों को तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा, जो वर्तमान में कई घंटे जाम में फंसकर बर्बाद हो जाते हैं.
अलीगढ़ मेट्रो के संभावित रूट
अलीगढ़ में मेट्रो रेल के लिए संभावित रूट पर भी चर्चा की जा चुकी है. शासन ने करीब 50 किमी के रूट के लिए मंजूरी दी है, जिसमें दो प्रमुख गलियारे शामिल होंगे. संभावित रूट में एयरपोर्ट से खेरेश्वर धाम, गांधी पार्क, माल गोदाम तिराहा, मसूदाबाद, नुमाइश मैदान और सूत मिल तक के इलाके शामिल हैं. इसके अलावा, ताला नगरी और सासनी गेट को भी इस परियोजना से जोड़ने की योजना बनाई जा सकती है. यह रूट शहर के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों को कनेक्ट करेगा, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी.
पारिस्थितिकीय और भूमि अधिग्रहण पर ध्यान
मेट्रो के इस प्रस्तावित रूट को इस तरह से डिज़ाइन किया जाएगा कि इसमें अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़े. यह कदम न केवल मेट्रो परियोजना को गति देगा, बल्कि पर्यावरणीय प्रभावों को भी न्यूनतम करेगा. इस पहल के तहत, शहर में मेट्रो के निर्माण में कम से कम अव्यवस्था होगी, और यह न केवल आवासीय इलाकों के लिए बल्कि शहर के विकास के लिए भी लाभकारी होगा.
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