बिहार में बालू और भू-माफियाओं के खिलाफ एक्शन शुरू, सरकार ने बनाई स्पेशल टास्क फोर्स

    Sand And Land Mafias: बिहार सरकार ने राज्य में बालू और भू-माफियाओं से जुड़े अवैध खनन और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. इस दिशा में बुधवार को राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक विशेष कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया है.

    Action started against sand and land mafia in Bihar government created special task force
    Image Source: ANI/ File

    Sand And Land Mafias: बिहार सरकार ने राज्य में बालू और भू-माफियाओं से जुड़े अवैध खनन और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. इस दिशा में बुधवार को राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक विशेष कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया है. इस कदम का उद्देश्य अवैध खनन की गतिविधियों को रोकना, अपराधियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई करना और अपराध से अर्जित परिसंपत्तियों की जांच करना है.

    इस विशेष टास्क फोर्स का नेतृत्व पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लो करेंगे. उनके नेतृत्व में ईओयू के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस अधिकारी इस कार्य में शामिल होंगे. डॉ. ढिल्लो की सहायता के लिए पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के चार अधिकारी और पुलिस निरीक्षक स्तर के पांच पदाधिकारी कार्यबल में शामिल किए गए हैं. टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य न केवल अवैध खनन की गतिविधियों पर अंकुश लगाना है, बल्कि अपराध से जुड़ी संपत्तियों की पहचान और उनके वित्तीय लेनदेन की निगरानी करना भी है.

    टास्क फोर्स की जिम्मेदारियां

    ईओयू की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, यह विशेष दल राज्य में बालू और भू-माफियाओं के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करेगा. इसके साथ ही कार्यबल राज्य सरकार के संबंधित विभागों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञ एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करके कार्रवाई को प्रभावी बनाएगा.

    इस कार्यबल का लक्ष्य है कि अवैध खनन में शामिल अपराधियों की पहचान हो, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज़ी से हो और अपराध से अर्जित संपत्तियों पर निगरानी रखी जा सके. इससे न केवल बालू माफियाओं की गतिविधियों में कमी आएगी, बल्कि भू-माफियाओं की आपराधिक नेटवर्क को भी कमजोर किया जा सकेगा.

    उपमुख्यमंत्री के निर्देश

    विशेष कार्यबल के गठन के पीछे राज्य सरकार की गंभीर पहल भी है. हाल ही में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की थी. उन्होंने अवैध बालू खनन और भू-माफियाओं के खिलाफ निर्णायक और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए थे.

    उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि केवल अपराधियों को पकड़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अपराध से अर्जित सम्पत्तियों की पहचान और उनकी वित्तीय जांच करना भी आवश्यक है. यह कदम राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने और अवैध खनन पर काबू पाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

    राज्य में अवैध खनन की स्थिति

    बिहार में बालू और अन्य खनिज संसाधनों का अवैध दोहन लंबे समय से समस्या बना हुआ है. कई जिलों में भू-माफियाओं और अवैध खनन माफियाओं की सक्रियता के कारण न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो रही है. अवैध खनन से जुड़ी गतिविधियों में भ्रष्टाचार और आपराधिक नेटवर्क की भागीदारी अक्सर देखने को मिलती है.

    विशेष कार्यबल के गठन से उम्मीद की जा रही है कि यह पूरी स्थिति बदल सकती है. इसके जरिए अवैध खनन पर रोक, भू-माफियाओं और बालू माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और अपराध से जुड़ी संपत्तियों की जांच को गति मिलेगी.

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