Ghaziabad News: गाजियाबाद में बीती रात हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया. गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में शनिवार की रात आई तेज आंधी और बारिश के कारण एक सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक ACP अंकुर विहार कार्यालय की छत अचानक गिर गई, जिसमें दबकर 58 वर्षीय सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा की मौत हो गई. यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह दफ्तर में ही सो रहे थे. इस दुखद घटना से पूरे पुलिस महकमे में शोक की लहर है.
रात का तूफान, सुबह का मातम
यह हादसा लोनी की इंद्रपुरी कॉलोनी स्थित ACP कार्यालय में हुआ. शनिवार देर रात अचानक मौसम बदला, तेज हवा और बारिश शुरू हुई लेकिन दिक्कत सिर्फ मौसम नहीं थी. असल खतरा उस इमारत में छिपा था, जिसमें अधिकारी दिन-रात ड्यूटी कर रहे थे. वीरेंद्र मिश्रा, जो पेशकार के तौर पर कार्यरत थे, रोज की तरह दफ्तर में ही रुक गए थे. लेकिन उसी दफ्तर की जर्जर छत ने उनके ऊपर मौत की चादर तान दी. सुबह जब अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे, तब मलबे में दबे वीरेंद्र को बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया मगर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
प्राकृतिक आपदा या प्रशासनिक अपराध?
घटना के पीछे प्राकृतिक तूफान को वजह बताया जा रहा है यह वही नॉरवेस्टर (Nor’wester) तूफान है, जिसे बंगाल, ओडिशा, असम जैसे राज्यों में ‘काल बैसाखी’ कहा जाता है. अप्रैल-मई के प्री-मानसून सीजन में यह तूफान आम है. लेकिन क्या यह नहीं सोचना चाहिए कि इस मौसम का अनुमान हर साल होता है, फिर भी सरकारी इमारतें इसकी मार से सुरक्षित क्यों नहीं? यह कोई पहली घटना नहीं है. लेकिन क्या हर बार किसी की जान जाने के बाद ही भवनों की मरम्मत, निरीक्षण और सुरक्षा की बातें होंगी? सरकारी कार्यालय, जो प्रशासन का चेहरा होते हैं, अगर वहीं असुरक्षित हों तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?
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