UP News: उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने के लिए यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक बड़ी योजना तैयार की गई है, जिसके तहत प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में रिंग रोड, बाईपास और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे. इस परियोजना पर 6,124 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और वित्तीय वर्ष 2025-26 में 62 प्रमुख परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
कहां होगा काम, किसे मिलेगी प्राथमिकता?
इस योजना की खास बात यह है कि इसे पूरी तरह से ट्रैफिक दबाव और जनसंख्या के आधार पर डिजाइन किया गया है. जिन शहरों में ट्रैफिक सबसे ज्यादा है, उन्हें पहले शामिल किया जाएगा. अगर किसी नगर निकाय की आबादी एक लाख से ज्यादा है और वह इस योजना में शामिल होना चाहता है, तो वह लोक निर्माण विभाग (PWD) को प्रस्ताव भेज सकता है.
NH वाले शहरों में NHAI उठाएगा जिम्मेदारी
जिन शहरों से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) गुजरता है, वहां NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) खुद रिंग रोड और बाईपास बनाएगा. चाहे NH वाला शहर हो या कोई अन्य ट्रैफिक से परेशान नगर, विकास की गाड़ी हर दिशा में दौड़ेगी.
अर्थव्यवस्था को भी मिलेगी रफ्तार
यह सिर्फ यातायात सुधार की योजना नहीं है. योगी सरकार का सपना है कि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए. इसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना जरूरी है. एक्सप्रेसवे, औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक्स हब जैसी परियोजनाओं के बाद अब यह नई पहल व्यवसायिक गतिविधियों, फ्रेट मूवमेंट और इन्वेस्टमेंट को और गति देगी.
स्मार्ट यूपी की ओर एक और कदम
गंगा एक्सप्रेसवे से लेकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक, यूपी में बीते कुछ वर्षों में सड़कों की तस्वीर बदल चुकी है. अब रिंग रोड और फ्लाईओवर की इस नई योजना से शहर और गांव दोनों बेहतर कनेक्ट होंगे. लोगों को जाम से राहत, समय की बचत और ईंधन खर्च में कमी जैसी सीधी सुविधाएं मिलेंगी.
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