उत्तर प्रदेश की धरती अब सिर्फ गंगा-जमुनी तहज़ीब की पहचान नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान गढ़ने को तैयार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. जुलाई 2025 से एक साथ 71 नए राजकीय महाविद्यालयों की शुरुआत की जा रही है — यह न केवल राज्य बल्कि देश के शैक्षणिक इतिहास में भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
किस जिले में कितने कॉलेज खुलेंगे?
इन कॉलेजों के खुलने से प्रदेश के कोने-कोने में उच्च शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित होगी. बरेली में सबसे अधिक 13 कॉलेज, इसके बाद लखनऊ में 12, मेरठ में 10, आगरा और झांसी में 9-9, और गोरखपुर में 4 महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे. साथ ही, प्रयागराज में 2 और सिराथू में 1 महाविद्यालय की स्थापना होगी. खास बात यह है कि इन सभी संस्थानों का संचालन सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित होगी.
नई शिक्षा नीति के अनुसार होगी पढ़ाई
इन नए कॉलेजों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा दी जाएगी. इसका मतलब यह है कि अब एक विज्ञान का छात्र भी साहित्य या संस्कृत जैसे विषयों का अध्ययन कर सकेगा. छात्रों को अब अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनने की आज़ादी मिलेगी, जिससे उनके सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.
भर्ती प्रक्रिया में तेजी, जल्द मिलेंगे योग्य शिक्षक
कॉलेजों के संचालन के लिए 1562 पदों पर भर्ती को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है. इनमें से 1065 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के होंगे. जल्द ही इन नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी ताकि पहले ही सत्र से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की शुरुआत हो सके.
प्रदेश में कुल 243 हो जाएंगे सरकारी कॉलेज
अभी तक यूपी में 172 राजकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं. 71 नए कॉलेजों के जुड़ने से यह संख्या बढ़कर 243 हो जाएगी. यह कदम न केवल युवाओं को घर के पास उच्च शिक्षा के अवसर देगा बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा और मजबूती भी देगा.
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