UP Storm News: उत्तर प्रदेश के लिए 21 मई की रात एक भयावह रात साबित हुई, जब आसमान से बरसती बिजली, धरती पर गिरते पेड़ और बिखरते मकान लोगों के लिए जानलेवा बन गए. तेज आंधी और बारिश ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया. कई परिवारों ने अपनों को खोया और कई घरों ने अपनी छतें. यह प्राकृतिक आपदा केवल मौसम की मार नहीं, बल्कि हमारे जलवायु के बदलते स्वरूप की भी चेतावनी है.
यूपी में प्रकृति का कहर
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रात भर चली तेज हवाओं ने भारी तबाही मचाई. बुलंदशहर में हवा की रफ्तार 89 किमी/घंटा, जबकि मेरठ में 80 किमी/घंटा तक दर्ज की गई. आगरा, अलीगढ़ और अन्य पूर्वी जिलों में भी हवाओं की रफ्तार ने 50 से 80 किमी/घंटा का आंकड़ा पार किया. जगह-जगह दीवारें गिरीं, छतें उड़ीं, टिन की छतें और छप्पर जैसे हवा में गायब हो गए. कई जगहों पर बिजली के खंभे टूटकर गिर पड़े, जिससे आपूर्ति बाधित हो गई.
दीवार गिरने, बिजली गिरने और पेड़ गिरने जैसी घटनाओं में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. आगरा 3, कासगंज 6, एटा 5, फिरोजाबाद 2, टंडला 1 बच्चा और बदायूं 1 महिला की मौत हुई. इसके अलावा कानपुर व बुंदेलखंड में कुल 22 मौतें लोगों की मौत हुई. लखनऊ, अमेठी, अंबेडकरनगर, मैनपुरी, मथुरा, कासगंज, हाथरस, मेरठ, बागपत में आसमानी आफत ने कहर बरपाया. इन जिलों में लोगों की मौत हुई. झांसी में करीब 100 तोते और मैना मारे गए. वहीं 30 घायल हो गए.
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी राहत की उम्मीद कम है. शुक्रवार को 65 से ज्यादा जिलों में आंधी-बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है. वहीं शनिवार से वर्षा की तीव्रता और क्षेत्र दोनों में बढ़ोतरी होगी. ओलावृष्टि और नमी से मौसम ठंडा जरूर होगा, लेकिन खतरे बरकरार रहेंगे.
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