दुनिया के 100 परोपकारियों में 4 भारतीय शामिल, मुकेश अंबानी, अजीम प्रेमजी और निखिल कामथ को मिली जगह

    मानवता और समाज सेवा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों की पहचान के लिए टाइम मैगजीन ने पहली बार ‘ग्लोबल 100 फिलांथ्रॉपिस्ट्स’ यानी दुनिया के 100 सबसे बड़े परोपकारियों की सूची जारी की है.

    4 Indians included in the worlds 100 philanthropists
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: मानवता और समाज सेवा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों की पहचान के लिए टाइम मैगजीन ने पहली बार ‘ग्लोबल 100 फिलांथ्रॉपिस्ट्स’ यानी दुनिया के 100 सबसे बड़े परोपकारियों की सूची जारी की है. यह सूची उन व्यक्तियों और परिवारों को मान्यता देती है जिन्होंने समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है.

    भारत के चार नामों को स्थान मिला है:

    • मुकेश अंबानी और नीता अंबानी (रिलायंस फाउंडेशन)
    • अजीम प्रेमजी (विप्रो लिमिटेड)
    • निखिल कामथ (जेरोधा को-फाउंडर)
    • आनंद गिरिधरदास (भारतीय मूल के अमेरिकी लेखक)

    यह वैश्विक मान्यता भारत के बढ़ते सामाजिक योगदान और ‘कार्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ के क्षेत्र में मजबूती से बढ़ते कदमों का प्रमाण है.

    मुकेश और नीता अंबानी: 

    भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी को इस सूची की ‘टाइटन्स (Titans)’ श्रेणी में रखा गया है.
    यह श्रेणी उन परोपकारियों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल बड़े पैमाने पर दान किया है बल्कि समाज के कई क्षेत्रों में प्रभावशाली बदलाव लाने का प्रयास किया है.

    407 करोड़ का दान

    रिलायंस फाउंडेशन ने 2024 में 407 करोड़ रुपए समाजसेवा के लिए दान किए. इस धनराशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में किया गया.

    • 10,000 छात्रों को स्कॉलरशिप दी गई
    • 500 से अधिक स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार
    • 20 अत्याधुनिक अस्पतालों का निर्माण
    • 1 लाख महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग और स्वरोजगार के अवसर
    • 10,000 किसानों को सस्टेनेबल खेती और जल संरक्षण में मदद

    नीता अंबानी के नेतृत्व में फाउंडेशन ने ग्रामीण भारत को डिजिटल, शिक्षित और स्वावलंबी बनाने की दिशा में कई प्रयास किए हैं.

    अजीम प्रेमजी:

    विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी, जो भारत के पहले बड़े परोपकारी उद्योगपतियों में माने जाते हैं, को भी ‘टाइटन्स’ कैटेगरी में शामिल किया गया है. उन्होंने अपने करियर की एक बड़ी पूंजी समाज सेवा को समर्पित कर दी है.

    2 लाख करोड़ से अधिक का योगदान

    अजीम प्रेमजी अब तक शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में ₹2 लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति दान कर चुके हैं. उनकी संस्था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन 2001 से कार्यरत है और भारत के ग्रामीण हिस्सों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव ला चुकी है.

    निखिल कामथ: युवा ट्रेलब्लेजर

    टाइम मैगजीन ने निखिल कामथ को ‘ट्रेलब्लेजर्स’ कैटेगरी में शामिल किया है. जेरोधा के को-फाउंडर और यंग एंटरप्रेन्योर के तौर पर उन्होंने हाल के वर्षों में शिक्षा, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में सराहनीय कार्य किया है.

    युवा सोच, बड़ी योजना

    कामथ एजुकेशन फाउंडेशन के जरिए वे स्कूली बच्चों को फ्री डिजिटल लर्निंग टूल्स, करियर काउंसलिंग और स्कॉलरशिप उपलब्ध कराते हैं. साथ ही, उनके पर्यावरण संरक्षण प्रोजेक्ट्स ने शहरी युवाओं को हरित जीवनशैली के लिए प्रेरित किया है.

    आनंद गिरिधरदास: इनोवेटर्स श्रेणी में शामिल

    भारतीय मूल के अमेरिकी लेखक और पत्रकार आनंद गिरिधरदास को इस सूची की ‘इनोवेटर्स’ कैटेगरी में स्थान दिया गया है.

    वे सामाजिक विषमता, अमीरी-गरीबी की खाई और वैश्विक नीति निर्माण में नैतिकता जैसे मुद्दों पर गहराई से लिखते रहे हैं. उनकी किताब “Winners Take All” को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है.

    अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी सूची में

    टाइम मैगजीन की इस सूची में कई अन्य प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं:

    • वॉरेन बफेट – अरबों डॉलर दान कर चुके हैं.
    • मेलिंडा फ्रेंच गेट्स – महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर काम.
    • डेविड बेकहम – बच्चों की शिक्षा और खेल विकास में योगदान.

    शकीरा, रिहाना, लियोनेल मेसी जैसे सेलिब्रिटी परोपकारियों को भी शामिल किया गया है.

    अंबानी फैमिली की वेल्थ

    यह भी उल्लेखनीय है कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट (2024) में अंबानी परिवार को दुनिया के टॉप-10 अमीर परिवारों में 8वां स्थान मिला था, जिनकी कुल संपत्ति ₹8.45 लाख करोड़ आंकी गई थी.

    वहीं बार्कलेज-हुरून इंडिया रिपोर्ट (सितंबर 2024) के अनुसार, अंबानी फैमिली का बिजनेस एम्पायर, जो एनर्जी, रिटेल और टेलिकॉम क्षेत्रों में कार्यरत है, भारत की GDP का 10% नियंत्रित करता है.

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