UP News: उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. राज्य में पुलिस बल की क्षमता बढ़ाने के लिए 60,244 नए सिपाहियों की भर्ती की गई है. डीजीपी राजीव कृष्ण ने साफ किया है कि जैसे ही इन नवचयनित सिपाहियों की ट्रेनिंग पूरी होगी, राज्य के हर थाने में लगभग 25 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी. इससे न केवल पुलिसिंग मजबूत होगी, बल्कि आम जनता को भी सुरक्षा का एहसास मिलेगा.
बेहतर ट्रेनिंग, मजबूत पुलिस
डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि इन सिपाहियों को केवल बुनियादी ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल और मूल्य आधारित प्रशिक्षण भी दिया जाए. उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे खुद अनुशासन का उदाहरण बनें—अच्छी वर्दी पहनें, परेड में शामिल हों और अपने आचरण से सिपाहियों को प्रेरित करें.
उन्होंने यह भी कहा कि हर अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि ट्रेनिंग के दौरान किसी सिपाही को कोई असुविधा न हो. ट्रेनिंग मॉड्यूल को अपडेट करने और उनकी क्षमताओं के आधार पर उन्हें वर्गीकृत कर रिकॉर्ड में दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है.
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता
डीजीपी ने महिला प्रशिक्षण केंद्रों के लिए विशाखा कमेटियों के गठन का आदेश दिया है, ताकि किसी भी प्रकार की महिला संबंधी शिकायतों का निष्पक्ष निपटारा हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे और महिला अधिकारियों की निगरानी की व्यवस्था अनिवार्य हो.
ट्रेनिंग सेंटर्स की स्थिति पर सतर्क निगरानी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए डीजीपी ने अधिकारियों से ट्रेनिंग सेंटर्स की समस्याएं भी जानीं और तुरंत समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई के आदेश दिए. अगर किसी केंद्र में अन्य विभागों की मदद की जरूरत है तो समन्वय बनाकर काम जल्द पूरा करने को कहा गया है.
लंबे समय के लिए मजबूत नींव
राजीव कृष्ण ने यह भी कहा कि ये सिपाही अगले 30 से 40 वर्षों तक उत्तर प्रदेश पुलिस की रीढ़ बनेंगे. ऐसे में इन्हें न केवल कुशल बनाना, बल्कि उनके भीतर सेवा का भाव भरना भी ज़रूरी है. यह नई भर्ती प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी.
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