AK-47 और कारबाइन चलाना सीखेंगे UP पुलिस के 60,244 सिपाही, फॉरेंसिक और कंप्यूटर साइंस की भी मिलेगी ट्रेनिंग

    उत्तर प्रदेश पुलिस के 60,244 नए सिपाहियों का प्रारंभिक प्रशिक्षण शुक्रवार से प्रदेश के 112 केंद्रों पर शुरू हो गया है. यह प्रशिक्षण आधुनिक पुलिसिंग की मांगों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिसमें न केवल शारीरिक और हथियारों की दक्षता सिखाई जाएगी, बल्कि फॉरेंसिक साइंस, साइबर क्राइम, और कानूनी ज्ञान की भी भरपूर ट्रेनिंग दी जाएगी.

    UP constables training learn to use AK-47 and carbine
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    UP Constables Training: उत्तर प्रदेश पुलिस के 60,244 नए सिपाहियों का प्रारंभिक प्रशिक्षण शुक्रवार से प्रदेश के 112 केंद्रों पर शुरू हो गया है. यह प्रशिक्षण आधुनिक पुलिसिंग की मांगों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिसमें न केवल शारीरिक और हथियारों की दक्षता सिखाई जाएगी, बल्कि फॉरेंसिक साइंस, साइबर क्राइम, और कानूनी ज्ञान की भी भरपूर ट्रेनिंग दी जाएगी. एक महीने के इस प्रारंभिक चरण के बाद, इन सिपाहियों को नौ माह के विस्तृत प्रशिक्षण के लिए रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स भेजा जाएगा.

    तकनीकी और कानूनी प्रशिक्षण का समावेश

    इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में फॉरेंसिक साइंस, फॉरेंसिक मेडिसिन, साइबर क्राइम, कंप्यूटर साइंस जैसे विषय शामिल हैं, जो आधुनिक अपराधों से निपटने में पुलिस को सक्षम बनाएंगे. साथ ही, भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता, साक्ष्य अधिनियम और प्राथमिक उपचार की भी गहन समझ दी जाएगी. यह प्रशिक्षण सिपाहियों को सिर्फ शारीरिक बलवान नहीं बल्कि कानूनी और तकनीकी तौर पर भी दक्ष बनाएगा.

    आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने की खास तैयारी

    आतंकवाद और नक्सलवाद की बढ़ती चुनौती को देखते हुए, सिपाहियों को विशेष आतंकवाद निरोधक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसमें स्कूल, धार्मिक स्थल, शॉपिंग सेंटर और महत्वपूर्ण संस्थानों पर संभावित हमलों से निपटने के लिए व्यावहारिक और सैद्धांतिक शिक्षा शामिल है. योग के माध्यम से शारीरिक फिटनेस पर जोर दिया जाएगा ताकि वे किसी भी मुश्किल स्थिति में चुस्त-दुरुस्त रह सकें.

    हथियारों की दक्षता और तलाशी की कला

    प्रशिक्षण के दौरान 5.56 एमएम इंसास, AK-47, ग्लॉक पिस्टल, 9 एमएम कारबाइन, 7.62 एसएलआर, .38 रिवाल्वर, ग्रेनेड और रबर बुलेट सहित विभिन्न हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके अलावा, आईईडी और विस्फोटक पहचान व निष्क्रिय करने के कौशल भी सिखाए जाएंगे. साथ ही, आवासीय भवन, कार्यालय, वाहन जांच और सड़क पर तलाशी की विधि को भी बारीकी से समझाया जाएगा.

    प्रशिक्षकों की कड़ी निगरानी और फीडबैक

    प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षकों के प्रदर्शन पर भी लगातार निगरानी रखी जाएगी. सिपाहियों से फीडबैक लेकर उनके समझाने के तरीके, पाठ्यक्रम की गति, विषय की गहराई और कमांड कंट्रोल की क्षमता की समीक्षा की जाएगी. इस तरह का व्यापक और तकनीकी प्रशिक्षण यूपी पुलिस को पेशेवर, सक्षम और हर प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए तैयार बनाएगा.

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