हलाला, बुर्का और बहुविवाह से तंग आकर 2 मुस्लिम महिलाओं ने छोड़ा इस्लाम, हिंदू युवकों से रचाई शादी

    भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, जहां संविधान हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, वहीं समय-समय पर ऐसे उदाहरण सामने आते हैं जो इस अधिकार के प्रयोग की गहराई और सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करते हैं.

    2 Muslim women left Islam and married Hindu men
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    गाजियाबाद: भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, जहां संविधान हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, वहीं समय-समय पर ऐसे उदाहरण सामने आते हैं जो इस अधिकार के प्रयोग की गहराई और सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करते हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में दो मुस्लिम महिलाओं द्वारा स्वेच्छा से हिंदू धर्म को अपनाने का मामला सामने आया है. यह केवल एक धर्मांतरण की घटना नहीं, बल्कि एक गहरे सामाजिक और वैचारिक परिवर्तन का संकेत है.

    धर्म परिवर्तन: आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की तलाश

    गाजियाबाद के शालीमार गार्डन क्षेत्र की दो महिलाएं — खुशबू खान और सोनिया खान — ने अपने जीवन में आए अनुभवों और परिस्थितियों के आधार पर एक नई राह चुनी है. दोनों ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि उन्होंने पूरी तरह से अपनी इच्छा से हिंदू धर्म अपनाया है, और अब वे विपिन साहू और धीरज जायसवाल नामक हिंदू पुरुषों के साथ वैवाहिक जीवन बिता रही हैं.

    खुशबू खान, जिनकी पहली शादी यूसुफ नामक व्यक्ति से हुई थी और जिनसे उनके तीन बच्चे हैं, ने कहा कि उन्होंने वर्षों तक घरेलू हिंसा, धार्मिक रूढ़ियों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कमी को सहा. उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम समाज में महिलाओं को उनके अनुसार सम्मान नहीं मिलता, जबकि उन्हें हिंदू धर्म में ‘नारी को देवी’ की संज्ञा के रूप में पहचान मिली.

    सोनिया खान की आपबीती: परंपराओं से असहमति

    दूसरी महिला, सोनिया खान, जिन्होंने अब अपना नाम सोनिया चौधरी रखा है, ने बताया कि वे लंबे समय से धीरज जायसवाल से प्रेम करती थीं और छह वर्ष पहले विवाह कर चुकी थीं. उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय में प्रचलित कुछ धार्मिक प्रथाओं — जैसे बुर्का पहनने की बाध्यता, हलाला की परंपरा और बहुविवाह — से वह सहज नहीं थीं. इन परंपराओं से असहमति ने उन्हें मानसिक और वैचारिक रूप से एक अलग पहचान की ओर प्रेरित किया.

    सोनिया ने कहा कि उनका झुकाव लंबे समय से हिंदू धर्म की ओर रहा है, और अब उन्होंने पूरी विधिपूर्वक धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से धर्म परिवर्तन किया है.

    विधिपूर्वक और स्वेच्छा से ‘घर वापसी’

    धर्मांतरण की प्रक्रिया हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी की उपस्थिति में की गई. संगठन का दावा है कि यह 'घर वापसी' पूरी तरह से शांतिपूर्ण, वैधानिक और स्वेच्छा से हुई है. दोनों महिलाओं ने वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा और दीक्षा में भाग लिया.

    सामाजिक विमर्श और कानूनी सरोकार

    उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में जबरन या छलपूर्वक धर्मांतरण के मामलों को लेकर राज्य सरकार सतर्क रही है. धर्मांतरण कानून के तहत ऐसी घटनाओं की जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्ति की इच्छा का सम्मान हो और कोई दबाव न हो. हालांकि, गाजियाबाद की इस घटना में अब तक कोई जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है, और दोनों महिलाओं ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह निर्णय सोच-समझकर, अपनी स्वतंत्रता से लिया है.

    ये भी पढ़ें- सुपरसोनिक से हो जाएगी हाइपरसोनिक, भारत-रूस मिलकर बनाएंगे ब्रह्मोस-2K मिसाइल, कांपेंगे चीन-पाकिस्तान!