बिहार पुलिस को मिले 1218 नए सब-इंस्पेक्टर, पहली बार 3 ट्रांसजेंडर भी शामिल; CM नीतीश ने ली परेड की सलामी

    बिहार पुलिस की ताकत और आधुनिक तकनीक से लैस होने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. बिहार सरकार ने 2023 बैच के 1218 नए सब इंस्पेक्टर (दारोगा) को सेवा में शामिल किया है. इन प्रशिक्षुओं की भव्य पासिंग आउट परेड राजगीर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परेड की सलामी ली.

    1,218 new sub-inspectors joined the Bihar Police CM Nitish Kumar took the salute in rajgir
    Image Source: Social Media/ X

    बिहार पुलिस की ताकत और आधुनिक तकनीक से लैस होने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. बिहार सरकार ने 2023 बैच के 1218 नए सब इंस्पेक्टर (दारोगा) को सेवा में शामिल किया है. इन प्रशिक्षुओं की भव्य पासिंग आउट परेड राजगीर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परेड की सलामी ली. इस समारोह में उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी और परिवहन मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद थे. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस राज्य में कानून-व्यवस्था की रीढ़ है. नए सब इंस्पेक्टरों से उन्होंने ईमानदारी, अनुशासन और संवेदनशीलता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया. वहीं सफल नवनियुक्त पुलिस अवर के निरीक्षक ने कहा कि पूरी ईमानदारी और जन सेवक बनाकर जनता की सेवा करना ही हमारी पहली प्राथमिकता होगी. 

    नए दारोगा बैच में विविधता का महत्वपूर्ण पहलू

    इस बार के प्रशिक्षु दारोगा बैच में कुल 1218 प्रशिक्षु शामिल हैं, जिनमें 779 पुरुष, 436 महिलाएं और तीन ट्रांसजेंडर प्रशिक्षु भी शामिल हैं. इस पहल के तहत, बिहार पुलिस की भर्ती में समानता और विविधता का महत्वपूर्ण ध्यान रखा गया है, जिससे सभी वर्गों को पुलिस सेवा में आने का मौका मिल रहा है. इसके अलावा, खेल कोटा से 23 और झारखंड कैडर के 4 प्रशिक्षु दारोगा भी इस बैच का हिस्सा हैं. इस प्रकार, राज्यभर के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रशिक्षु बिहार पुलिस के हिस्से बने हैं, जो आने वाले समय में अपनी सेवाएं देंगे.

    पारंपरिक और आधुनिक पुलिसिंग का संगम

    2023 बैच के दारोगाओं को प्रशिक्षण के दौरान पारंपरिक पुलिसिंग की तकनीक के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी कौशल भी सिखाए गए हैं. इनमें साइबर अपराध, ऑनलाइन ठगी, एटीएम और बैंक फ्रॉड की जांच, और डिजिटल साक्ष्य संकलन के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही, शारीरिक दक्षता को भी बढ़ाने के लिए प्रशिक्षुओं को ड्राइविंग, घुड़सवारी, साइक्लिंग, फायरिंग और सामरिक अभ्यास जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया गया. इन कार्यों से पुलिसकर्मियों की शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास हुआ, जो उन्हें कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में मदद करेगा.

    योग और मानसिक प्रशिक्षण का महत्व

    पुलिस सेवा में आने वाले हर कर्मचारी के लिए मानसिक और शारीरिक संतुलन बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसीलिए, इस बैच के प्रशिक्षुओं को योग और मानसिक प्रशिक्षण भी दिया गया. तनाव प्रबंधन और निर्णय क्षमता को बेहतर बनाने के लिए इन विधियों का इस्तेमाल किया गया, ताकि पुलिसकर्मी अपने काम में अधिक सक्षम और शांतिपूर्ण ढंग से कार्य कर सकें.

    ये भी पढ़ें: बिहार कैबिनेट के नए विभागों का हुआ बंटवारा, सीएम नीतीश कुमार ने अपने पास रखा ये डिपार्टमेंट