UP News: उत्तर प्रदेश में आयुष चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करते हुए कहा कि अब हर जिले में कम से कम 100 बेड वाले आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे. इस पहल से न सिर्फ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं और किसानों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे.
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का औपचारिक लोकार्पण किया. इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं. योगी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से सम्पूर्ण आरोग्यता की दिशा में एक बड़ा कदम है.
हर जिले में आयुष वेलनेस सेंटर
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य के हर जिले में 100 बेड वाले आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर की स्थापना की जाएगी. इन केंद्रों में पंचकर्म, क्षारसूत्र, योग, आयुर्वेदिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
6 नए मंडलों को मिलेंगे आयुष महाविद्यालय
अब तक जिन 6 मंडल मुख्यालयों में आयुष कॉलेज नहीं थे, वहां एक-एक आयुष महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी. यह निर्णय राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक सशक्त करेगा.
रोजगार और औषधीय खेती को मिलेगा बढ़ावा
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि आयुष विश्वविद्यालय रिसर्च एंड डेवलपमेंट का बड़ा केंद्र बनेगा. इसके जरिए औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे.
सम्पूर्ण आरोग्यता की ओर यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा से जोड़कर “सम्पूर्ण आरोग्यता” के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही हैं. आयुष मंत्रालय की स्थापना से इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है.
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