MP News: जिस प्याज ने हमेशा आम आदमी की आंखों में आंसू लाए, आज वही प्याज किसानों को रुला रही है. मध्य प्रदेश की मंडियों में प्याज के दाम इस कदर गिर चुके हैं कि किसानों का हौसला टूट गया है. कभी 50 रुपये किलो में बिकने वाला प्याज अब महज 1 रुपये किलो के भाव पर लुढ़क गया है. नीमच की कृषि उपज मंडी में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई किसानों को खरीदार तक नहीं मिल रहे. मजबूर होकर किसान अपनी उपज वहीं फेंक रहे हैं या फिर मवेशियों को खिला देने की बात कह रहे हैं.
100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल प्याज के भाव
प्याज उत्पादन में किसान पहले ही भारी लागत झेलते हैं. सिंचाई, खाद, कीटनाशक और मज़दूरी जैसे खर्च मिलाकर एक क्विंटल प्याज पर 300 से 500 रुपये तक की लागत आती है. ऊपर से ट्रांसपोर्ट का खर्च अलग. लेकिन मंडियों में उन्हें महज 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे हैं. ऐसे में ट्रांसपोर्ट तक का खर्च नहीं निकल पा रहा, और मुनाफा तो दूर की बात है.
मंडी सचिव ने क्या बताया?
मंडी सचिव के अनुसार, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी प्याज की भारी आवक हो रही है, जिससे स्थानीय बाजार में सप्लाई ज़्यादा और मांग कम है. अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि वे कुछ समय के लिए प्याज की बिक्री रोक दें, लेकिन ज्यादातर किसानों के लिए यह विकल्प मुमकिन नहीं है. वे पहले से कर्ज़ में डूबे हैं और इस फसल से मिलने वाली आमदनी से ही देनदारियां चुकाने की उम्मीद लगाए बैठे थे.
किसानों पर बढ़ रहा ब्याज का बोझ
अब हालात ये हैं कि किसानों के पास अगली फसल के लिए खेत तैयार करने तक के पैसे नहीं हैं. ऊपर से ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. किसानों की मांग है कि सरकार प्याज की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करे, ताकि भविष्य में उन्हें ऐसे नुकसान का सामना न करना पड़े.
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