बेंगलुरु मेट्रो का किराया बढ़ने को CM सिद्धारमैया ने BMRCL को, डीके शिवकुमार ने कमेटी को ठहराया जिम्मेदार

शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा- हमारी कोई भूमिका नहीं है. किराया तय करने के लिए एक समिति है. हमने अपनी राय व्यक्त की है, लेकिन समिति ही अंतिम निर्णय लेगी.

बेंगलुरु मेट्रो का किराया बढ़ने को CM सिद्धारमैया ने BMRCL को, डीके शिवकुमार ने कमेटी को ठहराया जिम्मेदार
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

बेंगलुरु (कर्नाटक) : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में बेंगलुरु मेट्रो किराया वृद्धि में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है और यह निर्णय एक स्वतंत्र समिति ने लिया है.

शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, "हमारी कोई भूमिका नहीं है... किराया तय करने के लिए एक समिति है. हमने अपनी राय व्यक्त की है, लेकिन समिति ही अंतिम निर्णय लेगी."

उनका यह बयान किराया वृद्धि और यात्रियों पर इसके प्रभाव पर सार्वजनिक बहस के बीच आया है.

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केंद्र और कर्नाटक सरकार दोनों की है 50-50% हिस्सेदारी

बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) केंद्र और कर्नाटक सरकारों के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें दोनों की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

एक बयान के अनुसार, केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के अधिकारी प्रबंध निदेशक और निदेशक के पद पर हैं. चूंकि बीएमआरसीएल एक स्वायत्त इकाई है, इसलिए राज्य सरकार का इस पर पूरा नियंत्रण नहीं है.

कर्नाटक के सीएमओ के एक बयान में कहा गया, "चूंकि 2017 से किराए में कोई संशोधन नहीं हुआ था, इसलिए बीएमआरसीएल ने संशोधन का अनुरोध करने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया. अगर राज्य सरकार के पास किराया तय करने का अधिकार होता, तो बीएमआरसीएल हमसे अनुमोदन क्यों मांगती?"

केंद्र सरकार ने बनाई थी किराया संशोधन समिति

इसमें आगे बताया गया कि जवाब में, केंद्र सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय के रिटायर्ड न्यायाधीश आर. थरानी की अध्यक्षता में एक किराया संशोधन समिति बनाई, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के प्रतिनिधि शामिल थे. समिति का गठन 16 सितंबर, 2024 को किया गया था और उसे अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया था.

बयान में बताया गया, "इन 3 महीनों के दौरान, समिति ने न केवल बीएमआरसीएल अधिकारियों के साथ बातचीत की, बल्कि अपने मेट्रो रेल निगमों के अधिकारियों के साथ किराया ढांचा और इसके चलाने पर चर्चा करने के लिए दिल्ली और चेन्नई की यात्रा भी की."

समिति ने जून 2017 में निर्धारित किराया संरचनाओं का अध्ययन किया, यात्रियों की प्रतिक्रिया एकत्र की और बीएमआरसीएल की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की.

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16 दिसंबर 2024 में समिति ने दी अपनी रिपोर्ट

16 दिसंबर, 2024 को समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश की. जून 2017 में जब बीएमआरसीएल ने किराया तय किया था, तब मेट्रो के पहले चरण का केवल 42.3 किलोमीटर हिस्सा ही चालू था. अब, फेज 2 के आंशिक रूप से पूरा होने के साथ, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हुआ है.

दिसंबर 2026 तक, मेट्रो कॉरिडोर (2, 2ए और 2बी) पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, जिससे नेटवर्क बढ़कर 175.55 किलोमीटर हो जाएगा. समिति ने बेंगलुरु मेट्रो से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद 10 अध्यायों में अपनी रिपोर्ट पेश की. इसने देशभर में बाकी मेट्रो प्रणालियों के किराया ढांचे का भी अध्ययन किया.

वर्तमान में, बेंगलुरु मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम किराया 60 रुपये है, जबकि मुंबई मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम 80 रुपये है.

कर्नाटक के सीएम ने नये किराये पर जताई चिंता

इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी संशोधित किराया ढांचे में विसंगतियों पर चिंता जताई, उन्होंने बताया कि कुछ मार्गों पर किराए दोगुने से भी अधिक हो गए हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बात करते हुए सिद्धारमैया ने बीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक को इन मुद्दों को तत्काल हल करने और उन जगहों पर किराए में कमी करने का निर्देश दिया, जहां वृद्धि असामान्य मानी जाती है.

सिद्धारमैया ने अपने पोस्ट में लिखा, "जिस तरह से बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने बेंगलुरु मेट्रो किराया संशोधन को लागू किया है, उससे विसंगतियां पैदा हुई हैं, कुछ खंडों में किराए में दोगुने से भी अधिक की वृद्धि हुई है. मैंने बीएमआरसीएल के एमडी से इन मुद्दों को तत्काल हल करने और उन जगहों पर किराए में कमी करने के लिए कहा है, जहां वृद्धि असामान्य है. यात्रियों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए."

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