'बांग्लादेश को इस्लामी खिलाफत से जोड़ना गलत', तुलसी गबार्ड के भारत में दिए बयान से यूनुस को लगी मिर्ची

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड के हालिया बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बांग्लादेश सरकार ने गबार्ड द्वारा देश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और इस्लामी खिलाफत से जोड़े जाने के दावों को निराधार करार दिया है.

It is wrong to associate Bangladesh with Islamic Caliphate Yunus got irritated by Tulsi Gabbards statement in India
मोहम्मद यूनुस और तुलसी गबार्ड/Photo- ANI

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड के हालिया बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बांग्लादेश सरकार ने गबार्ड द्वारा देश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और इस्लामी खिलाफत से जोड़े जाने के दावों को निराधार करार दिया है.

गबार्ड के बयान पर बांग्लादेश की आपत्ति

अमेरिकी अधिकारी तुलसी गबार्ड ने हाल ही में भारत यात्रा के दौरान एक टेलीविजन चैनल पर दिए बयान में कहा कि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंता का विषय है. उन्होंने इसे इस्लामी खिलाफत से जोड़ते हुए अमेरिकी सरकार की चिंता जताई.

बांग्लादेश सरकार ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये तथ्यहीन हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल करने की कोशिश है.

बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि तुलसी गबार्ड के पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं.

बयान में कहा गया, "बांग्लादेश एक शांतिपूर्ण राष्ट्र है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है. हमारे देश में धार्मिक सहिष्णुता और स्थिरता को बनाए रखना हमेशा प्राथमिकता रही है."

यूनुस के कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश को 'इस्लामी खिलाफत' से जोड़ना न केवल भ्रामक बल्कि अपमानजनक भी है.

बिना सबूत के आरोप लगाना उचित नहीं

बांग्लादेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों से संवेदनशील मुद्दों पर बयान देते समय अधिक जिम्मेदारी दिखाने की अपील की.

बयान में कहा गया, "बांग्लादेश भी दुनिया के अन्य देशों की तरह चरमपंथ के खिलाफ संघर्ष कर रहा है. हमें इस संघर्ष में सहयोग की जरूरत है, न कि निराधार आरोपों की."

सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि देश की स्थिरता और विकास को गलत तरीके से प्रस्तुत करने से गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं, जो किसी के हित में नहीं है.

बांग्लादेश की वैश्विक छवि पर प्रभाव

बांग्लादेश सरकार का मानना है कि इस तरह के बयानों से न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गलत संदेश जाता है, बल्कि इससे देश में सांप्रदायिक सद्भाव को भी नुकसान पहुंच सकता है.

बांग्लादेश ने वैश्विक स्तर पर अपने धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु छवि को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तथ्यों पर आधारित बातचीत और सहयोग की अपील की.

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