'इंटर-सैटेलाइट दूरी अब 230 मीटर है...', स्पैडेक्स मिशन पर इसरो ने दिया बड़ा अपडेट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि उसके प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन के तहत डॉक किए जाने वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान 230 मीटर की दूरी पर हैं.

ISRO new on SpaDex mission
प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि उसके प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन के तहत डॉक किए जाने वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान 230 मीटर की दूरी पर हैं और उनकी स्थिति सामान्य है.

इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "स्पैडेक्स स्थिति अपडेट: 230 मीटर की अंतर-उपग्रह दूरी (आईएसडी) पर रुका, सभी सेंसर का मूल्यांकन किया जा रहा है. अंतरिक्ष यान की स्थिति सामान्य है."

शुक्रवार को इसरो ने क्या कहा था?

अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को कहा था कि दोनों अंतरिक्ष यान 1.5 किमी की दूरी पर हैं और होल्ड मोड पर हैं तथा शनिवार सुबह तक 500 मीटर की दूरी पर पहुंचने की योजना है.

इसरो ने बुधवार को स्पैडेक्स मिशन को स्थगित कर दिया था, जो गुरुवार के लिए निर्धारित था, क्योंकि उपग्रहों के एक युद्धाभ्यास के दौरान अपेक्षा से अधिक बहाव हुआ था. यह दूसरी बार था जब डॉकिंग प्रयोग को स्थगित किया गया था. यह मूल रूप से 7 जनवरी के लिए निर्धारित किया गया था.

इस मिशन के लिए अहम है स्पैडेक्स

यह तकनीक भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे कि चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूना वापसी, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और संचालन के लिए आवश्यक है. जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च की आवश्यकता होती है, तो अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक आवश्यक होती है. इस मिशन के माध्यम से भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है.

SpaDeX मिशन का प्राथमिक उद्देश्य दो छोटे अंतरिक्ष यान (SDX01, जो कि चेज़र है, और SDX02, जो कि नॉमिनल टारगेट है) को कम-पृथ्वी वृत्ताकार कक्षा में मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक विकसित करना और उसका प्रदर्शन करना है.

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