IIFA 2025: जयपुर में सिल्वर जुबली का भव्य आयोजन, जुबिन नौटियाल ने फिर रचा इतिहास, मिला यह खास अवॉर्ड

फिल्म और संगीत की दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित मंच, इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवॉर्ड्स (IIFA), ने अपनी 25वीं सालगिरह को एक ऐतिहासिक और भव्य समारोह के साथ मनाया. इस बार यह चमकदार आयोजन राजस्थान की शाही धरती जयपुर में हुआ, जहां बॉलीवुड के सितारों, संगीतकारों और कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से समां बांध दिया.

IIFA 2025 Grand Silver Jubilee event in Jaipur Jubin Nautiyal created history again got this special award
Bharat 24

जयपुर: फिल्म और संगीत की दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित मंच, इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी अवॉर्ड्स (IIFA), ने अपनी 25वीं सालगिरह को एक ऐतिहासिक और भव्य समारोह के साथ मनाया. इस बार यह चमकदार आयोजन राजस्थान की शाही धरती जयपुर में हुआ, जहां बॉलीवुड के सितारों, संगीतकारों और कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से समां बांध दिया. सिल्वर जुबली का यह जश्न न केवल भारतीय सिनेमा के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक बना, बल्कि नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी साबित हुआ.

जयपुर बना बॉलीवुड का केंद्र

जयपुर, जो अपनी समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक वैभव के लिए जाना जाता है, इस बार IIFA के मंच पर सितारों की चमक से और निखर उठा. इस अवॉर्ड नाइट में बॉलीवुड के दिग्गजों से लेकर उभरते सितारों तक, हर किसी ने अपनी मौजूदगी से इस रात को यादगार बना दिया. लाल कालीन पर सितारों का जलवा, मंच पर शानदार प्रस्तुतियां और पुरस्कारों की घोषणा ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह आयोजन भारतीय सिनेमा के वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर था, और जयपुर ने इस मेजबानी को बखूबी निभाया.

जुबिन नौटियाल की दूसरी IIFA जीत

इस समारोह का सबसे भावुक और चर्चित क्षण तब आया जब मशहूर पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल ने फिल्म ‘आर्टिकल 370’ के गीत ‘दुआ’ के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर (पुरुष)’ का अवॉर्ड अपने नाम किया. यह उनके करियर का दूसरा IIFA अवॉर्ड है, जिसने उनकी गायकी की प्रतिभा को एक बार फिर साबित कर दिया. ‘दुआ’ एक ऐसा गीत है जो अपनी मधुरता और भावनात्मक गहराई के लिए पहले ही प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय हो चुका था, और अब इसने जुबिन को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिलवाया.

अवॉर्ड लेते समय जुबिन का भावुक भाषण सभी के दिलों को छू गया. उन्होंने कहा, “यह अवॉर्ड मेरे प्रशंसकों और मेरे परिवार के लिए है, जो हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाते हैं. उनकी वजह से ही मैं आज यहां तक पहुंचा हूं.” इस खास मौके पर उनके माता-पिता भी जयपुर में मौजूद थे, और उनकी आंखों में गर्व और खुशी के आंसू साफ झलक रहे थे. जुबिन की यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि उनके लाखों प्रशंसकों के लिए भी एक उत्सव का क्षण बन गई.

कांटे की टक्कर में जुबिन अव्वल

‘सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर (पुरुष)’ की श्रेणी में इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिला. जुबिन नौटियाल के साथ इस कैटेगरी में नॉमिनेट हुए थे बॉलीवुड के कुछ सबसे बड़े नाम – अरिजीत सिंह, करण औजला, दिलजीत दोसांझ और मित्राज़. ये सभी गायक अपनी-अपनी शैली और गायकी के लिए मशहूर हैं, लेकिन जुबिन ने ‘दुआ’ की भावनात्मक अपील और अपनी मखमली आवाज से जजों का दिल जीत लिया. यह जीत उनके संगीत करियर में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ती है.

जुबिन का शानदार सफर: पुरस्कारों से भरी झोली

जुबिन नौटियाल का नाम आज भारतीय संगीत जगत में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. उनकी सुरीली आवाज और भावनाओं को व्यक्त करने की कला ने उन्हें लाखों दिलों का चहेता बना दिया है. IIFA में यह उनकी दूसरी जीत है, लेकिन इसके अलावा भी उनकी झोली पुरस्कारों से भरी पड़ी है. वे पहले ही दादा साहब फालके अवॉर्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मान अपने नाम कर चुके हैं. उनकी गायकी में जो गहराई और संवेदनशीलता है, वह उन्हें समकालीन गायकों से अलग करती है. दूसरी बार IIFA जीतकर उन्होंने न केवल अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, बल्कि एक नया इतिहास भी रच दिया.

IIFA की सिल्वर जुबली: भारतीय सिनेमा का उत्सव

IIFA का यह 25वां संस्करण भारतीय सिनेमा और संगीत के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ. पिछले दो दशकों से यह मंच भारतीय फिल्म उद्योग की उत्कृष्टता को सम्मानित करता आ रहा है और वैश्विक स्तर पर भारतीय कला को पहचान दिला रहा है. जयपुर में आयोजित इस समारोह ने न सिर्फ बॉलीवुड की चमक को प्रदर्शित किया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी दुनिया के सामने लाया. 

इस रात में जहां जुबिन नौटियाल जैसे कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया, वहीं अन्य श्रेणियों में भी कई दिग्गजों को सम्मानित किया गया. फिल्मों, संगीत और प्रदर्शन का यह संगम दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया. 

IIFA 2025 की सिल्वर जुबली जयपुर में आयोजित यह समारोह भारतीय सिनेमा और संगीत के सुनहरे भविष्य का प्रतीक बन गया. जुबिन नौटियाल की दूसरी IIFA जीत ने इस रात को और खास बना दिया. उनकी ‘दुआ’ ने न केवल अवॉर्ड जीता, बल्कि हर सुनने वाले के दिल में अपनी जगह बनाई. यह आयोजन न सिर्फ एक पुरस्कार समारोह था, बल्कि कला, संस्कृति और प्रतिभा का एक भव्य उत्सव था, जो आने वाले समय में भी याद किया जाएगा.

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