पेरिस: फ्रांस ने वैश्विक रक्षा बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है और अब यह अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2014-18 और 2019-23 के बीच फ्रांसीसी हथियारों की बिक्री में 47% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
फ्रांस की इस सफलता का प्रमुख कारण डसॉल्ट राफेल फाइटर जेट्स की बढ़ती मांग और उनके उत्पादन में आई तेजी है. राफेल अब कई देशों की वायु सेनाओं की पहली पसंद बन चुका है. फ्रांस ने अपने हथियारों का सबसे बड़ा निर्यात एशिया और ओशिनिया क्षेत्र (42%) और मध्य पूर्व (34%) में किया है. इस दौरान भारत फ्रांस का सबसे बड़ा रक्षा ग्राहक रहा है, जो उसके कुल निर्यात का 30% हिस्सा रखता है.
राफेल जेट की वैश्विक मांग में उछाल
फ्रांस ने मिस्र, भारत, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों को भारी संख्या में राफेल लड़ाकू विमान बेचे हैं. मौजूदा समय में फ्रांसीसी वायुसेना के अलावा मिस्र, भारत, कतर, यूएई, ग्रीस, क्रोएशिया, इंडोनेशिया और सर्बिया की वायु सेनाओं ने भी राफेल को अपनी बेड़े में शामिल किया है.
यूएई ने 2021 में 80 राफेल लड़ाकू विमानों का सबसे बड़ा ऑर्डर दिया था. इसके अलावा सऊदी अरब भी 54 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर विचार कर रहा है.
भारत दे सकता है राफेल मरीन का नया ऑर्डर
भारत अपने एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनाती के लिए राफेल मरीन का एक बड़ा ऑर्डर फ्रांस को दे सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार 29 राफेल मरीन फाइटर जेट्स का ऑर्डर देने के करीब है, जिसे फ्रांस साल 2029 तक सप्लाई करेगा.
कोलंबिया, मोरक्को और इराक भी राफेल फाइटर जेट्स खरीदने की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं. साथ ही, डसॉल्ट एविएशन एडवांस F4 और F5 वेरिएंट्स के लिए भी कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है.
राफेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में फ्रांस
राफेल की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए डसॉल्ट एविएशन ने अपने उत्पादन में तेजी ला दी है. 2024 में कंपनी ने 21 राफेल फाइटर्स की डिलीवरी की, जो 2023 में 13 थी. 31 दिसंबर 2024 तक डसॉल्ट के बैकलॉग में 220 राफेल ऑर्डर थे, जिनमें से 164 निर्यात ऑर्डर थे और 56 फ्रांस के लिए थे.
डसॉल्ट एविएशन ने घोषणा की है कि वह कोविड-19 के बाद सप्लाई चेन में आई चुनौतियों से उबर रहा है और राफेल जेट्स के उत्पादन को और तेज करने के लिए नई रणनीतियां अपना रहा है.
रूस को पीछे छोड़कर फ्रांस की नई पहचान
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस ने रूस को पीछे छोड़ते हुए दूसरे सबसे बड़े हथियार निर्यातक के रूप में अपनी जगह बनाई है. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस के निर्यात में गिरावट आई है, वहीं फ्रांस ने अपनी रक्षा उत्पादन क्षमता को तेजी से बढ़ाया है.
राफेल जेट्स की मजबूत मांग और वैश्विक रक्षा साझेदारियों की बदौलत फ्रांस अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जहां वह अमेरिका के बाद दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन चुका है.
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