F-47 vs J-36: पहले छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए अमेरिका-चीन आमने-सामने, कौन निकलेगा आगे?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि नया छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान 'नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस' (NGAD) प्रोग्राम का हिस्सा होगा. इसे F-22 रैप्टर का उत्तराधिकारी माना जा रहा है और इसमें स्टेल्थ टेक्नोलॉजी, एडवांस सेंसर, और सुपरक्रूज़ जैसी क्षमताएं होंगी.

F-47 vs J-36 US-China face to face for the first sixth generation fighter aircraft who will come out ahead
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि नया छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान 'नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस' (NGAD) प्रोग्राम का हिस्सा होगा. इसे F-22 रैप्टर का उत्तराधिकारी माना जा रहा है और इसमें स्टेल्थ टेक्नोलॉजी, एडवांस सेंसर, और सुपरक्रूज़ जैसी क्षमताएं होंगी.

नामकरण और विशेषताएं

  • F-47 का नाम 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रेरित हो सकता है, हालांकि आधिकारिक रूप से इसे संयोग बताया गया है.
  • यह अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और ड्रोन संगतता से लैस होगा.
  • विमान का डिज़ाइन इसे रडार से लगभग अदृश्य बना देगा, जिससे दुश्मन की पहचान करना कठिन हो जाएगा.
  • इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और हाईपरसोनिक गति जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं होंगी.
  • इसका उत्पादन बोइंग के सेंट लुइस मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में किया जाएगा.
  • अमेरिका का दावा है कि यह विमान पिछले पांच वर्षों से गुप्त परीक्षणों में रहा है और अब उत्पादन चरण में प्रवेश कर चुका है.

चीनी J-36: रहस्यमय और खतरनाक

दूसरी ओर, चीन ने भी J-36 नामक अपने छठी पीढ़ी के फाइटर जेट पर काम तेज कर दिया है. चीन का दावा है कि यह विमान अत्याधुनिक स्टेल्थ तकनीक, एडवांस रडार और हाई-स्पीड क्षमताओं से लैस होगा.

तकनीकी विशेषताएं

  • J-36 में तीन WS-10C टर्बोफैन इंजन लगाए गए हैं, जिससे यह बेहद ऊंचाई और तेज गति से संचालित हो सकता है.
  • यह लंबी दूरी तक उड़ान भरने और अधिक मात्रा में हथियार ले जाने में सक्षम होगा.
  • चीन ने दावा किया है कि इसमें अत्याधुनिक सेंसर और साइड-लुकिंग एयरबोर्न रडार होंगे.
  • इसके संभावित आयाम: लंबाई 22 मीटर और पंखों का फैलाव 20 मीटर.
  • इसमें एक बड़ा इंटरनल वेपन बे (IWB) होगा, जो इसे घातक हमला करने की क्षमता देगा.

हालांकि, चीन की ओर से J-36 को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों को अभी इसकी वास्तविक क्षमताओं पर संदेह है. इसकी पहली उड़ान की पुष्टि दिसंबर 2024 में की गई थी, जब इसे J-20 फाइटर जेट के साथ देखा गया था.

F-47 बनाम J-36: कौन रहेगा आगे?

स्टेल्थ टेक्नोलॉजी:

F-47: उन्नत स्टेल्थ कोटिंग और डिज़ाइन, जो रडार से बचने में सक्षम है.

J-36: स्टेल्थ विशेषताओं का दावा किया गया है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

इंजन और गति:

F-47: सुपरक्रूज़ और हाईपरसोनिक गति की संभावना.

J-36: तीन इंजन वाला डिज़ाइन, जो ऊंची उड़ान के लिए अनुकूलित हो सकता है.

हथियार प्रणाली:

F-47: ड्रोन-असिस्टेड ऑपरेशन और एडवांस वेपन सिस्टम.

J-36: PL-17 एयर-टू-एयर मिसाइल और अन्य अज्ञात हथियार प्रणालियां.

विकास और तैनाती:

F-47: कई वर्षों से गुप्त परीक्षण में, जल्द ही अमेरिकी वायुसेना में शामिल होगा.

J-36: अभी भी विकास चरण में, वास्तविक तैनाती में समय लग सकता है.

अमेरिका और चीन के बीच छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स की यह प्रतिस्पर्धा आने वाले वर्षों में वैश्विक सैन्य शक्ति संतुलन को नया रूप दे सकती है. F-47 जहां परीक्षण और तकनीकी श्रेष्ठता के मामले में आगे दिखता है, वहीं J-36 अभी तक रहस्य में घिरा हुआ है.

ये भी पढ़ें- IPL 2025 DCvs LSG: इम्पैक्ट प्लेयर ने बदल दिया मैच का रिजल्ट, आशुतोष शर्मा की फिफ्टी से जीती दिल्ली