नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) शैक्षणिक सत्र 2025-26 से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने पर विचार कर रहा है. इस फैसले का उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का तनाव कम करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को प्रभावी रूप से लागू करना है.
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मसौदा 24 फरवरी तक होगा सार्वजनिक
CBSE जल्द ही इस योजना का मसौदा सार्वजनिक करेगा, ताकि शिक्षक, विद्यार्थी और शिक्षाविद इससे जुड़े सुझाव दे सकें. इन सुझावों के आधार पर परीक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा.
CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस योजना का प्रेजेंटेशन दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह कदम छात्रों के लिए तनावमुक्त शिक्षा प्रणाली तैयार करने की दिशा में अहम साबित होगा.
सरकार का क्या कहना है?
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर लिखा—
"छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाना सरकार का एक महत्वपूर्ण फोकस है. परीक्षा प्रणाली में सुधार इस दिशा में एक अहम कदम है. जल्द ही CBSE अपने मसौदे को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी करेगा."
यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के प्रावधानों के अनुरूप एक बड़ा बदलाव होगा, जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा के दबाव से राहत मिलेगी.
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अप्रैल में शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र
CBSE अप्रैल 2025 में नया शैक्षणिक सत्र शुरू करेगा. इसके आसपास ही बोर्ड परीक्षा से संबंधित अधिसूचना जारी होने की संभावना है.
क्या होंगे फायदे?
-विद्यार्थियों के पास दो अवसर होंगे, जिससे वे बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे.
-परीक्षा का तनाव कम होगा और सीखने का माहौल बेहतर बनेगा.
-NEP 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा.
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