नई दिल्ली: बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक मीडिया शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएम मोदी हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2024 में शामित हुए थे.
इंस्टाग्राम पर 'एयरलिफ्ट' स्टार ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी संक्षिप्त मुलाकात की एक स्पष्ट तस्वीर साझा की. तस्वीर में अक्षय और पीएम मोदी को गर्मजोशी से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है.
पीएम नरेंद्र मोदी जी को सुनने का मौका मिला
अक्षय ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में हमारे पीएम नरेंद्र मोदी जी को नए भारत के विकास की कहानी के बारे में प्रेरणादायक बात सुनने का मौका मिला."
एचटी सिटी के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पीएम मोदी और अक्षय कुमार की संक्षिप्त मुलाकात की झलक भी दी गई. वीडियो में पीएम मोदी आदरपूर्वक लेकिन प्यारे ढंग से अक्षय का हालचाल पूछते नजर आ रहे हैं. उन्होंने पूछा- "कैसे हो भाई..."
शनिवार की सुबह, पीएम मोदी ने प्रकाशन के 100 साल पूरे होने पर हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (HTLS) में भाग लिया. दर्शकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये सदी भारत की होगी.
दस साल पहले ऐसे परिवर्तन अकल्पनीय लगते थे
पीएम मोदी ने कहा, "भारत ने आजादी के संघर्ष से लेकर आकांक्षा और विकास की लहरों पर सवार होकर एक उल्लेखनीय यात्रा तय की है. अपने आप में अनूठी यह यात्रा राष्ट्र की अदम्य भावना को दर्शाती है. दस साल पहले, ऐसे परिवर्तन अकल्पनीय लगते थे. आज उम्मीद है कि ये सदी भारत की होगी."
उन्होंने यह भी बताया कि इस सपने को साकार करने के लिए सभी क्षेत्रों में इस मानसिकता के साथ निवेश किया जाना चाहिए कि सर्वश्रेष्ठ से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है.
शिक्षा में भारत को वैश्विक नेता बनाने का प्रयास है
उन्होंने कहा, "भारत के मानकों को विश्व स्तरीय मान्यता सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए. शिक्षा में, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के प्रयास चल रहे हैं."
प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि वे उस वक्त खड़े हुए जब देश को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. पीएम ने कहा, "आजादी से पहले और बाद में, जिस ताकत ने भारत का मार्गदर्शन किया है, वह आम नागरिक की लचीलापन है. जब अंग्रेज चले गए, तो कई लोगों को भारत के भविष्य पर संदेह हुआ. आपातकाल के दौरान, लोगों को डर था कि लोकतंत्र हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. जबकि कुछ संस्थानों और व्यक्तियों ने शासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, नागरिक मजबूती से खड़े रहे और लोकतंत्र तेजी से बहाल हो गया. इसी तरह, भारत के नागरिकों ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में असाधारण संकल्प का प्रदर्शन किया."
लक्ष्य स्पष्ट है: भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना
वोट बैंक की राजनीति को नागरिकों के बीच असमानता और अविश्वास पैदा करने वाली राजनीति बताते हुए पीएम मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार का दृष्टिकोण इससे कहीं आगे तक फैला हुआ है.
उन्होंने कहा, "एक लोकप्रिय कहावत एक बार नीति निर्धारण हलकों में गूँजती थी: 'अच्छी अर्थव्यवस्था बुरी राजनीति है.' इस धारणा ने पिछली सरकारों को लोकलुभावनवाद की आड़ में अक्षमता को छिपाते हुए कठोर निर्णयों से बचने की अनुमति दी. वोट-बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी गई, जिससे नागरिकों के बीच असमानता और अविश्वास पैदा हुआ. आज वह भरोसा बहाल हो गया है. सरकार का दृष्टिकोण वोट-बैंक की राजनीति से परे, लोगों के लिए, लोगों द्वारा और लोगों की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करता है. लक्ष्य स्पष्ट है: भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना."
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