नई दिल्ली : दिवाली से एक दिन पहले ही बुधवार को दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है. राजधानी के इलाकों में धुंध की परत छा गई है, जिससे लोगों को सांस से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में है. बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार सुबह 7:00 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से अधिक दर्ज किया गया.
दिल्ली के अक्षरधाम और आईटीओ आई तस्वीरों में ये धुंध नजर आ रही है. बाकी हिस्सों में भी यही हाल है.
दिल्ली के आनंद बिहार की हवा सबसे खराब स्थिति में
आनंद विहार में सुबह 7:00 बजे एक्यूआई 351 पर पहुंच गया, जबकि बवाना में एक्यूआई 319, अशोक विहार में 351 और वाजीपुर में 327 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है.
आया नगर में एक्यूआई 290 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है और दिल्ली का आईटीओ 284 पर 'खराब' श्रेणी में आता है. कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैरता हुआ देखा गया. नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार उच्च बना हुआ है.
इस बीच, मुंबई के बांद्रा रिक्लेमेशन क्षेत्र में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही.
बीजेपी ने कहा- पंजाब में पराली जलाने की 108 घटनाएं हुईं
इस बीच, दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सोमवार को बताया कि पंजाब में पराली जलाने की 108 घटनाएं दर्ज की गईं. उन्होंने कपूरथला हाउस में वायु प्रदूषण संबंधी चिंताओं को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपने के लिए पंजाब के सीएम से मिलने की मांग की, लेकिन वे उनसे मिलने में असमर्थ रहे.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अकेले 26 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने के 108 मामले सामने आए, फिर भी दिल्ली सरकार के मंत्री अक्सर पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर दोष मढ़ते हैं.
भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर लगाए ये आरोप
सचदेवा ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति खराब होती जा रही है, जिसे अब दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी माना जाता है. यह जानने के बाद कि पंजाब के मुख्यमंत्री आज यहां मौजूद हैं, हमने एक बैठक का अनुरोध किया. आप का नेतृत्व लगातार पंजाब सरकार को बचाने का प्रयास कर रहा है.
26 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 108 घटनाएं दर्ज की गईं, लेकिन इसके लिए हरियाणा और यूपी को दोषी ठहराया जा रहा है. हमारे पास डेटा है जो दर्शाता है कि हरियाणा और यूपी में पराली जलाने की घटनाएं क्रमशः 16 और 11 हैं. अगर वे अभी भी पंजाब में पराली जलाने पर नियंत्रण नहीं कर रहे हैं, तो यह राजनीतिक है. आज कई लोग इससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं."
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