लड़की ने हनी ट्रैप में फंसाया, फिर ISI को मिलने लगी खुफिया जानकारी; कौन है नेहा शर्मा? ATS ने किया बड़ा खुलासा

14 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने आगरा में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया.

Agra How did ATS expose ISI Connection in Honey Trap
प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik/ANI

आगराः होली का रंग अभी पूरी तरह छूटा भी नहीं था कि उत्तर प्रदेश के आगरा से एक सनसनीखेज खबर ने पूरे देश को चौंका दिया. फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, जो देश की सुरक्षा के लिए अहम सैन्य उपकरण बनाती है, वहां काम करने वाला एक कर्मचारी और उसका साथी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करते पकड़े गए. इन दोनों ने न सिर्फ देश की सुरक्षा को खतरे में डाला, बल्कि संवेदनशील जानकारियां दुश्मन देश तक पहुंचाईं. यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा अलार्म है. आखिर कैसे ये जासूस इतने करीब पहुंचे और क्या है इस साजिश की पूरी कहानी? आइए, इस रहस्य को परत-दर-परत खोलते हैं.

हनी ट्रैप में फंसा कर्मचारी

14 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने आगरा में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया. मुख्य आरोपी रविंद्र कुमार, जो फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में चार्जमैन के पद पर कार्यरत था, और उसका एक साथी इस सनसनीखेज मामले में पकड़ा गया. ATS के मुताबिक, रविंद्र कुमार पिछले साल फेसबुक पर एक महिला से संपर्क में आया था, जो खुद को "नेहा शर्मा" बताती थी. जांच में खुलासा हुआ कि "नेहा शर्मा" कोई भारतीय महिला नहीं, बल्कि ISI की एक एजेंट थी, जिसने हनी ट्रैप के जाल में रविंद्र को फंसाया था.

रविंद्र ने शुरुआत में इसे एक सामान्य ऑनलाइन दोस्ती समझा, लेकिन जल्द ही बातचीत व्हाट्सएप पर शिफ्ट हो गई. नेहा ने उससे अंतरंग बातें शुरू कीं और धीरे-धीरे उसका भरोसा जीत लिया. फिर शुरू हुआ असली खेल—उसने रविंद्र से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की गोपनीय जानकारियां मांगनी शुरू कीं. रविंद्र, जो फैक्ट्री में संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंच रखता था, ने पहले हिचकिचाहट दिखाई, लेकिन नेहा के दबाव और लालच में आकर उसने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ शुरू कर दिया.

कैसे पकड़े गए जासूस?

ATS को कुछ समय से खुफिया सूत्रों से जानकारी मिल रही थी कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से संवेदनशील डेटा लीक हो रहा है. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक और फिजिकल सर्विलांस शुरू किया गया. रविंद्र पर नजर रखी जाने लगी. 12 मार्च 2025 को उसे आगरा में ATS की फील्ड यूनिट ने पूछताछ के लिए बुलाया. शुरुआत में उसने बहाने बनाए, लेकिन जब सबूतों का पहाड़ उसके सामने रखा गया, तो वह टूट गया. उसने कबूल किया कि उसने जानकारियां नेहा को भेजीं, लेकिन उसका इरादा देश को नुकसान पहुंचाने का नहीं था. उसने यह भी बताया कि उसने नेहा का नंबर अपनी पत्नी से छिपाने के लिए गलत नाम से सेव किया था.

ATS ने इसके बाद उसके साथी को भी हिरासत में लिया, जो इस साजिश में शामिल था. दोनों के पास से 6,220 रुपये नकद, एक SBI डेबिट कार्ड, दो पोस्ट ऑफिस डेबिट कार्ड, आधार कार्ड, वोटर ID और पैन कार्ड बरामद किए गए. रविंद्र के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 148 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारा 3/4/5 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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