वक्फ बोर्ड संशोधन बिल : आज JPC की अगली बैठक, इस्लामिक विद्वान भी होंगे शामिल

    JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बिल की व्यापक समझ सुनिश्चित करने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद और दाऊदी और वोहरा जैसे अन्य  संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत होगी.

    वक्फ बोर्ड संशोधन बिल : आज JPC की अगली बैठक, इस्लामिक विद्वान भी होंगे शामिल
    जेपीसी के चेयरमैन जगदम्बिका बैठक को लेकर पाल मीडिया से बात करते हुए |

    नई दिल्ली : वक्फ संशोधन विधेयक के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने सोमवार को कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक से संबंधित मुद्दों पर इससे जुड़े स्टेकहोल्डर्स से इनपुट जुटाने के लिए 4 और 5 नवंबर को बैठकें होंगी.

    संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने कहा कि उनका लक्ष्य वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर विस्तृत चर्चा के लिए इस्लामी विद्वानों, पूर्व न्यायाधीशों, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के वकीलों और अल्पसंख्यक संगठनों समेत कई समूहों को शामिल करना है. वक्फ संशोधन विधेयक के लिए संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने कहा, "जब संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा संयुक्त संसदीय समिति के लिए प्रस्ताव लाया गया था, तो उन्होंने कहा था कि वे इसे जेपीसी को भेजना चाहते हैं ताकि हम अधिक से अधिक स्टेकहोल्डर्स, बुद्धिजीवियों, इस्लामी विद्वानों, पूर्व न्यायाधीशों, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के वकीलों, अल्पसंख्यक संगठनों को बुला सकें."

    जमीयत उलेमा-ए-हिंद और दाऊदी, वोहरा संगठन होंगे शामिल

    पाल ने इन चर्चाओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जेपीसी बिल की व्यापक समझ सुनिश्चित करने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद और दाऊदी और वोहरा जैसे अन्य  संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेगी.

    जगदंबिका पाल ने कहा, "हमारी 4 और 5 नवंबर को बैठक है. हमने जमीयत उलेमा-ए-हिंद, बुद्धिजीवी महिलाओं को बुलाया है. हमने 5 नवंबर को अन्य संगठनों, दाऊदी, वोहरा को बुलाया है. हम 4 और 5 नवंबर को कई स्टेकहोल्डर्स से मिलेंगे."

    उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जेपीसी के सभी सदस्यों को वक्फ बिल पर विचार करना चाहिए, सभी पहलुओं को जानना चाहिए और फिर इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट बनानी चाहिए."

    28 अक्टूबर को जेपीसी ने की थी बैठक

    वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक 28 अक्टूबर को भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई. समिति ने कॉल फॉर जस्टिस (चंदर वाधवा, ट्रस्टी के नेतृत्व वाला समूह), वक्फ टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन, दिल्ली और हरबंस डंकल, अध्यक्ष, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (सभी ब्लॉक), बी.के. दत्त कॉलोनी, नई दिल्ली को भी उनके विचार और सुझाव दर्ज करने के लिए बुलाया.

    वक्फ अधिनियम, 1995, जिसे वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाया गया था, पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 में व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.

    जेपीसी सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों से इनपुट इकट्ठा करने के लिए कई बैठकें कर रही है, जिसका लक्ष्य सबसे व्यापक सुधार संभव बनाना है.

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