तेल अवीव/गाजा: इजराइल और हमास के बीच संघर्ष एक बार फिर तेज हो गया है. इजराइली सेना (IDF) ने गाजा में नए जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं, जिसमें टैंकों और विशेष सैन्य बलों की तैनाती की गई है. IDF के मुताबिक, यह ऑपरेशन गाजा के उत्तर और दक्षिण के बीच बफर जोन बनाने और इजराइली सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
गाजा में हमास पर लगातार हमले
इजराइली सेना ने 252वीं डिवीजन के सैनिकों को नेतजारिम कॉरिडोर में तैनात कर दिया है, और अब तक इस इलाके के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. दूसरी ओर, इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने चेतावनी दी है कि अगर बंधकों को जल्द नहीं छोड़ा गया, तो हमास का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा.
यरुशलम में नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के फैसलों के खिलाफ यरुशलम में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारी इजराइली खुफिया एजेंसी शिन बेट के चीफ रोनन बार और अटॉर्नी जनरल गली बहाराव-मियारा को हटाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, और भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी गईं. सड़कें जाम करने के आरोप में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
विरोध के पीछे मुख्य कारण यह है कि नेतन्याहू हमास और कतर के साथ हो रही गुप्त डील की जांच रोकने के लिए रोनन बार को हटाना चाहते हैं.
गाजा में हमास के प्रधानमंत्री की मौत
इजराइल ने गाजा में हमास के प्रधानमंत्री इस्साम दिब अब्दुल्ला अल-दालीस को निशाना बनाकर मार गिराया. अब्दुल्ला हमास की सरकार का प्रमुख चेहरा थे और संगठन की सैन्य गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे.
इसके अलावा, हमास के तीन अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी निशाना बनाया गया, जिनमें:
इजराइली रक्षा मंत्री की चेतावनी
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने अपने बयान में कहा कि अगर हमास ने बंधकों को रिहा नहीं किया, तो गाजा को पूरी तरह तबाह कर दिया जाएगा.
वहीं, हमास ने इस हमले को सीजफायर उल्लंघन बताया और कहा कि इससे इजराइली बंधकों की जान खतरे में पड़ सकती है.
सीजफायर समझौते पर संकट
हमास और इजराइल के बीच सीजफायर का पहला चरण 1 मार्च को खत्म हुआ, जिसके दौरान हमास ने 33 बंधकों को रिहा किया, जिनमें 8 के शव शामिल थे.
इसके बदले में इजराइल ने 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा. लेकिन दूसरे चरण की बातचीत अब तक आगे नहीं बढ़ सकी है, जबकि हमास के पास अब भी 24 जीवित बंधक और 35 शव हैं.
नेतन्याहू सरकार पर सुरक्षा संकट का आरोप
इजराइल के पूर्व खुफिया अधिकारी तामिर पारदो ने नेतन्याहू सरकार की रणनीतियों को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है.
मोसाद के इस पूर्व प्रमुख के अनुसार, राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए सैन्य कार्रवाइयों के फैसले लिए जा रहे हैं, जिससे इजराइल के नागरिकों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है.
अगले कदम?
अब यह देखना अहम होगा कि क्या इजराइल और हमास के बीच संघर्ष और तेज होगा, या कूटनीतिक स्तर पर कोई समाधान निकलेगा. इस बीच, यरुशलम और तेल अवीव में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है, जिससे नेतन्याहू सरकार पर दबाव लगातार बढ़ रहा है.
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