'बिहार तो बिहार है', दिल्ली इलेक्शन रिजल्ट पर क्या बोले RJD प्रमुख तेजस्वी यादव?

सौगत रॉय ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सभी दलों को अपने अहंकार को किनारे रखकर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए, अन्यथा ऐसे ही नतीजे देखने को मिलेंगे.

'बिहार तो बिहार है', दिल्ली इलेक्शन रिजल्ट पर क्या बोले RJD प्रमुख तेजस्वी यादव?
पटना में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव | Photo- ANI

पटना (बिहार) : दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक है और उम्मीद जताई कि भारतीय जनता पार्टी अपने किए वादों को पूरा करने में सक्षम है.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, "लोकतंत्र में जनता मालिक है. मुझे उम्मीद है कि भाजपा अपने किए वादों को पूरा करेगी..."

बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी ने कही ये बात

बिहार में साल के आखिरी महीनों में चुनाव होने हैं, इसलिए दिल्ली के नतीजों का बिहार चुनाव पर असर पड़ने के सवाल पर यादव ने कहा, "बिहार तो बिहार है - उन्हें (भाजपा को) यह समझना होगा."

इससे पहले आज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत रॉय ने कहा कि लोगों को आप से शिकायत है और कथित 'शराब घोटाले' का भी चुनाव पर असर पड़ा है.

रॉय ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सभी दलों को अपने अहंकार को किनारे रखकर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए, अन्यथा ऐसे ही नतीजे देखने को मिलेंगे.

रॉय ने कहा, "दिल्ली में लोगों ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ वोट दिया, हमारी पार्टी ने आप का समर्थन किया, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो लोगों को आम आदमी पार्टी से शिकायत थी. शराब घोटाले का असर हुआ. भाजपा ने बहुत कोशिश की और जीत हासिल की, अब वे देश में और आक्रामक होकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे. अगर भारतीय जनता पार्टी के सभी दल एक साथ लड़ेंगे, तभी कुछ होगा, अगर वे अपने अहंकार में रहेंगे तो फैसला दिल्ली जैसा ही होगा."

दिल्ली में बीजेपी ने जीती 48 सीट, आप को मिली 22

शनिवार को दिल्ली में हुए चुनावों में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत हासिल करते हुए सत्ता हासिल की, जबकि सत्तारूढ़ आप को बड़ा झटका लगा और 70 सदस्यीय विधानसभा में उसकी संख्या में भारी कमी आई. कांग्रेस का प्रदर्शन भी खराब रहा. भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 48 सीटें जीतीं और 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में वापसी की.

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप के कई नेता अपने गढ़ों में हार गए, केवल मुख्यमंत्री आतिशी ही अपनी सीट बचा पाईं. यह फैसला महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा जीत हासिल करने और हरियाणा में जीत हासिल करने के कुछ महीनों बाद आया है, जिससे राष्ट्रीय राजनीति में उसका दबदबा और मजबूत हुआ है.

कांग्रेस की वापसी की उम्मीद को लगा है झटका

राष्ट्रीय राजधानी में फिर से वापसी की उम्मीद कर रही कांग्रेस फिर से कोई सीट जीतने में विफल रही.

1998 से 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली पार्टी ने विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार शून्य सीटें जीती हैं. शनिवार सुबह वोटों की गिनती शुरू हुई, जबकि 5 फरवरी को वोट डाले गए थे.

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