एक आम कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश की मुखिया तक, जानें कौन हैं दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री आतिशी

    2020 के चुनाव में आप की 8 महिला विधायकों ने चुनाव में जीता था, पर किसे पता था वक्त का पहिया ऐसा घूमेगा कि दिल्ली को महिला मंत्री ही नहीं, बल्कि तीसरी महिला मुख्यमंत्री मिलने वाली है.

    एक आम कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश की मुखिया तक, जानें कौन हैं दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री आतिशी | Photo-ANI
    आप नेता और अरविंद केजरीवाल की जगह दिल्ली की सीएम बनीं आतिशी |

    नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में मंगलवार सुबह उपराज्यपाल के घर के बाहर मीडिया के कैमरों का जमावड़ा लगा हुआ था और उनको इंतजार था एक चेहरे का. एक ऐसा चेहरा जो दिल्ली सीएम की कुर्सी पर बैठने वाला था. इंतजार तो सबको आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का था, पर मीडियाकर्मियों की निगाहें उनके साथ चल रही एक महिला विधायक पर ज्यादा टिकी हुई थीं.

    ये महिला और कोई नहीं बल्कि दिल्ली के कालकाजी से विधायक आतिशी मार्लेन थीं. मंगलवार को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और अतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके साथ ही ये साफ हो गया कि आतिशी अब दिल्ली कि अलगी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं.

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    कोरोना महामारी से शुरू हुई कहानी

    साल 2020 से कोरोना महामारी शुरू होने से पहले और राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं. इस विधानसभा चुनाव में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की शानदार जीत होती है. दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों में से आप पार्टी 62 सीट अपने नाम करती है. दिल्ली के कालकाजी विधानसभा से आप नेता आतिशी को भी जीत हासिल होती है. शानदारी जीत के बाद राजधानी में दूसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है और अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनते हैं. उस दौरान केजरीवाल की कैबिनेट में एक भी महिला को जगह नहीं मिलती, जबकि आप की 8 महिला विधायकों ने उस चुनाव में जीत हासिल की थी, पर किसे पता था वक्त का पहिया ऐसा घूमेगा कि दिल्ली को महिला मंत्री ही नहीं, बल्कि तीसरी महिला मुख्यमंत्री मिलने वाली है.

    पहला लिटमस टेस्ट

    खैर, दिल्ली के 2020 के चुनाव को भूल कर थोड़ा और पीछे चलते हैं और साल 2015 में. ये वो साल था जब दिल्ली में पूर्ण बहुमत की आम आदमी पार्टी की सरकार तो बन गई थी पर पार्टी अपने अंतर्कलह से जूझ रही थी. पार्टी के कई बड़े चेहरों ने बगावत कर दी थी, जिसमें प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव औक कुमार विश्वास जैसे नाम थे. उस दौरान आतिशी ने इन नेताओं को ओपन लेटर लिखा, सवाल उठाए थे और सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मजबूती से खड़ी नजर आई थीं. ये पहला मौका था जब आतिशी पार्टी के लिए वफादारी साबित कर रही थीं और साथ ही में बड़े नेताओं का भरोसा भी जीत रही थीं.

    बताया जाता है कि आतिशी को राजनीति में प्रशांत भूषण ने ही लाया था, जिसके बाद वो डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार बनीं और दिल्ली के स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए काफी काम किया. आगे चलकर आम आदमी पार्टी की ये पहचान बनी और पार्टी ने देशभर में दिल्ली स्कूल मॉडल का बढ़ चढ़ कर प्रचार किया.

    सियासी मैदान में दो-दो हाथ

    2015 से आगे चलते हैं अब साल 2020 में. ये वो वक्त था जब कोराना महामारी से पहले दिल्ली में राजनीति का तूफान चल रहा था. आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव में कड़ी लड़ाई की उम्मीद की जा रही थी. 2015 के चुनाव में जहां बीजेपी तीन सीटों पर सिमट गई थी, वहीं आम आदमी पार्टी ने 67 सीट हासिल कर बंपर जीत हासिल किया था.

    2020 के चुनावी समर में आतिशी मर्लेन का नाम उस समय सामने आता है जब भाजपा और कांग्रेस ने उनके सरनेम पर सवाल उठाया. यानि आतिशी मार्लेन हैं कौन और उनका धर्म क्या है. कोई उन्हें ईसाई बताया तो कोई ज़्यूस. फिर आतिशी ने अपने धर्म के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मार्लेन नाम उनके माता-पिता ने कार्ल मास्क और लेनिन के नाम को मिला कर रखा है. वो एक राजपूत हिन्दू हैं. चुनाव में विपक्ष का ये पैंतरा काम नहीं आया और आतिशी ने कालकाजी विधानसभा से बड़ी जीत हासिल की.

    तीसरी महिला मुख्यमंत्री

    दिल्ली के 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है और उसके तुरंत बाद कोरोना महामारी आ जाती है. कोरोना आते ही देश में लॉकडाउन लगा दिया जाता है. लॉकडाउन हटते ही दिल्ली सरकार, अपनी शराब नीति लेकर आती है. बाद में यही शराब नीति ही उसके गले की फांस बन जाती है. शराब नीति घोटाले के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से लेकर कई बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ता है. दिल्ली सरकार पर संकट के वक्त इसका सबसे बड़ा चेहरा बनती हैं आतिशी. 2020 में जिन्हें कैबिनेट में नहीं शामिल किया गया था अब उनके पास करीब सात विभागों का जिम्मा होता है. अरविंद केजरिवाल के जेल में रहने के दौरान वो सरकार का चेहरा बनने के काम करती हैं. वहीं जब जेल से बाहर आने के अगले दिन केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया तो जिसका नाम रेस में सबसे आगे चल रहा था वो थीं आतिशी. सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं.

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