मैड्रिड (स्पेन): विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज दुनिया में भारत की स्थिति पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि दुनिया के हालात देखकर सभी देश सोचते हैं कि अच्छे संबंध रखना कई देशों के हित में है.
मंगलवार को स्पेन में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के अपने नारे को दुनिया तक पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की स्थिति और विचारों को समझना चाहती है.
भारत की अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर है
जयशंकर ने कहा, "मैं उस निमंत्रण पर वापस आता हूं जो मुझे मिला था, जब एक विदेश मंत्रालय और दूसरे देश के राजदूत आपको आकर उनसे बात करने के लिए कहते हैं, सोचने वाली बात है, ऐसा क्यों है और मेरी समझ से आज इसके तीन कारण हैं, एक- भारत की आज जो स्थिति है, वो बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्व के सभी देश, आज विश्व की स्थिति को देखकर, यह सोचें कि भारत के साथ अच्छे संबंध रखना अनेक देशों के हित में है. इसलिए, वे हमारी स्थिति को समझना चाहते हैं. दूसरी हमारी क्षमताएं हैं. उनको लगता है कि यह भारत नया भारत है. हमारी अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर है."
उन्होंने कहा, "हर कोई कहता है कि भारत कुछ वर्षों में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. आप सभी को याद होगा, 10 साल पहले, हम 10वें या 11वें स्थान पर थे. आज भारत में जिस गति से प्रगति हो रही है, उसका लोहा दुनिया मानती है. तो, पहला है स्थिति निर्धारण और दूसरा है क्षमताएं. और तीसरा वास्तव में हमारे विचार हैं, जिन्हें आज भारत को वैश्विक बातचीत में योगदान देने वाले के रूप में देखा जाता है."
मोदी की रूस और यूक्रेन यात्रा को याद किया
उन्होंने 2024 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और यूक्रेन यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इज़राइल और ईरान दोनों से बात करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि भारत क्वाड और ब्रिक्स दोनों का सदस्य बनने की स्थिति में है.
Interacting with the Indian community in Spain.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 14, 2025
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जयशंकर ने भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "आज बहुत कम देश हैं जो रूस और यूक्रेन से बात करने की स्थिति में हैं. आपने पिछले साल देखा होगा, प्रधान मंत्री मोदी दो बार रूस गए, और कीव, यूक्रेन की यात्रा की. जो इजराइल और ईरान से बात करने की स्थिति में हैं और पीएम मोदी दोनों काम करने में सक्षम हैं. जो क्वाड के सदस्य बनने और ब्रिक्स के सदस्य बनने की स्थिति में हैं."
'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास'
जयशंकर ने कहा, "तो, यह कुछ ऐसा है जो वास्तव में बहुत ही अनोखा है. और यह अनोखा है क्योंकि अगर आप आज दुनिया को देखें, तो दुनिया में बहुत तनाव है, दो स्थानों पर युद्ध भी हो रहा है. यह बहुत ध्रुवीकृत दुनिया है. तो ध्रुवीकृत दुनिया में, अगर कोई ऐसा देश है, जिसे हम भारत में कहते थे, 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास'. हम वास्तव में इसे दुनिया में भी ले जाने में सक्षम हैं और यह एक ऐसी चीज है जिसे धीरे-धीरे अन्य देशों ने समझना और महत्व देना शुरू कर दिया है. लेकिन, यह केवल संघर्ष ही नहीं होना चाहिए."
उन्होंने अफ्रीकी संघ को अपनी अध्यक्षता में जी20 के सदस्य के रूप में शामिल करने के भारत के प्रयासों का भी जिक्र किया. उन्होंने कोविड-19 महामारी के समय भारत द्वारा दुनिया को दी गई मदद के बारे में भी बात की, जिसमें टीके भी शामिल थे.
कई देशों ने जी20 का नेतृत्व किया है
जयशंकर ने कहा, "हमारी अध्यक्षता में जी20 दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच है. स्पेन के प्रतिनिधि भी इसकी बैठकों में मौजूद रहते हैं. अब, कई देशों ने जी20 का नेतृत्व किया है. हम एक ऐसा देश थे जो वास्तव में G20 को अफ्रीकी संघ को सदस्य के रूप में स्वीकार करने में सक्षम बनाने में सक्षम थे, जिसकी कोशिश कई वर्षों से की जा रही थी. लेकिन दूसरों ने किसी तरह इसे आगे नहीं बढ़ाया या मना नहीं पाए. फिर, आप जानते हैं, आप लोगों को कोविड का समय याद होगा. अब, जब हम कोविड को देखते हैं, तो हर कोई कहता है, कम से कम हम बच गए, हम किसी तरह इससे बाहर निकल आए. हर किसी ने सोचा, मैं इससे बाहर आ गया हूं और हम समझते हैं कि यह स्वाभाविक है. लेकिन हम उन कुछ देशों में से एक हैं, जहां अगर आप दुनिया भर में जाएं, तो दुनिया में 100 देश, 99 देश ऐसे हैं जो कहते हैं, अगर मुझे अपना टीका मिला, तो यह भारत के कारण मिला."
विदेश मंत्री ने भारत में हो रहे विकास के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि आज भारत में होने वाले बदलाव की दर आश्चर्यजनक है और वहां रहने वाले लोग बदलाव की दर के साथ तालमेल बिठा चुके हैं.
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