मुंबई : डेट्रायट ऑटो शो में लॉन्च किए गए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) फ्यूचर-रेडी ईमोबिलिटी स्टडी 2025 के अनुसार, 64 प्रतिशत उपभोक्ता के अपनी अगली खरीदारी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की कर सकते हैं जो कि टिकाऊ ट्रांसपोर्ट की ओर बदलाव में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है साबित हो सकता है.
उत्तरी अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, महाद्वीपीय यूरोप और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 1,300 से अधिक उत्तरदाताओं को शामिल करते हुए किए गए इस अध्ययन ने उपभोक्ताओं, निर्माताओं, बेड़े के ऑपरेटर्स और ईवी अपनाने वाले प्रभावशाली लोगों समेत अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से जानकारी प्रदान की. यह पर्यावरणीय स्थिरता और ऑपरेशनल लागत बचत ईवी के प्रति बढ़ते झुकाव को दिखाता है.
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63 फीसदी लोगों का टारगेट नेट-जीरो हासिल करने का
उपभोक्ताओं और प्रभावशाली लोगों के बीच ईवी अपनाने के लिए स्थिरता एक प्राथमिक प्रेरणा के रूप में उभरी. 63 प्रतिशत प्रभावशाली लोगों का लक्ष्य ईवी को अपनाकर नेट-जीरो टारगेट को पाना चाहते हैं.
कॉमर्शियल बेड़े के लिए, ऑपरेशनल लागत में कमी - जिसे बेड़े को अपनाने वालों में से 53 प्रतिशत ने जिक्र किया है कि बदलाव करने के लिए एक आकर्षक वजह है.
पर्याप्त चार्जिंग नेटवर्क की कमी सबसे बड़ी बांधा
हालांकि, अध्ययन ने कंज्यूमर चिंताओं को भी उजागर किया. जबकि 56 प्रतिशत उत्तर देने वाले ईवी पर 40,000 अमेरिकी डॉलर तक खर्च करने को तैयार हैं, खर्च का बोझ उठाने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर महत्वपूर्ण बाधाएं बनी हुई हैं.
60 प्रतिशत उपभोक्ताओं और 74 प्रतिशत निर्माताओं ने पर्याप्त चार्जिंग नेटवर्क की कमी को एक प्रमुख चुनौती के रूप में पहचाना, जो इस क्षेत्र में त्वरित निवेश की आवश्यकता को रेखांकित करता है.
ईवी अपनाने में क्षेत्रीय असमानताएं स्पष्ट हैं, 72 प्रतिशत अमेरिकी उपभोक्ता ईवी को चुनने की संभावना रखते हैं जबकि जापान में केवल 31 प्रतिशत ही ऐसा करते हैं. जब रेंज की बात आती है, तो 41 प्रतिशत उपभोक्ता मानते हैं कि स्वीकार्य रेंज प्रति चार्ज 200-300 मील है, जबकि 31 प्रतिशत 300-400 मील पसंद करते हैं.
अध्ययन से वाणिज्यिक बेड़े के बीच सकारात्मक दृष्टिकोण का भी पता चलता है, जो पारंपरिक इंटरनल कंब्यूशन इंजन (ICE) वाहनों की तुलना में EV के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करने के लिए तैयार हैं. ये नतीजे मोबिलिटी की ईको-सिस्टम में एक क्रमिक लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव का इशारा देते हैं.
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चार्जिंग समेत ये समस्याएं आ रहीं लोगों के सामने
आशावाद के बावजूद, उद्योग को कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, वहनीयता और बैटरी प्रदर्शन में तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण बनी हुई है.
अध्ययन से पता चलता है कि 90 प्रतिशत निर्माताओं का मानना है कि बैटरी रेंज और चार्जिंग स्पीड में सुधार EV डिज़ाइन और प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा.
इस बीच, 55 प्रतिशत निर्माता बैटरी रिसर्च और विकास में निवेश कर रहे हैं, और 78 प्रतिशत बढ़ती उपभोक्ता मांग को पूरा करने के लिए वाहन की लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
कमिंस के वैश्विक मुख्य सूचना अधिकारी अर्ल न्यूज़ोम ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "मोबिलिटी का भविष्य इलेक्ट्रिक, कनेक्टेड और सस्टेनबल है - एक ऐसा परिवर्तन जो उद्योगों और कम्युनिटी को समान रूप से फिर से परिभाषित करेगा."
टीसीएस में मैन्युफैक्चरिंग के अध्यक्ष ने कही ये बात
टीसीएस में विनिर्माण के अध्यक्ष अनुपम सिंघल ने कहा, "इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री एक निर्णायक चौराहे पर है, जो पैमाने और परिवर्तन की जटिलताओं को नेविगेट कर रहा है. जबकि लगभग दो-तिहाई उपभोक्ता अपने अगले वाहन के लिए इलेक्ट्रिक चुनने के लिए तैयार हैं, निर्माताओं को बैटरी तकनीक, जटिल वाहन डिजाइन और प्रोडक्शन इकोनॉमी को आगे बढ़ाने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है."
बैटरी प्रौद्योगिकी, लागत में कमी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण निवेश के साथ, ईवी उद्योग अपने स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है.
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