वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने अमेरिका को "जीरो टैरिफ" यानी शून्य कर की पेशकश की है. उनके अनुसार, भारत अमेरिका से आयात होने वाले अधिकांश उत्पादों पर अब कोई टैक्स नहीं लगाएगा. यह बात सामने आते ही देश में बहस छिड़ गई कि यह निर्णय सही है या नहीं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी किसी तरह का निर्णय नहीं हुआ है और इस तरह के व्यापार समझौते तभी हो सकते हैं जब दोनों देशों को समान रूप से लाभ हो.
इस खबर के बाद आम लोगों और व्यापारिक समुदाय के बीच "जीरो टैरिफ" को लेकर जिज्ञासा बढ़ गई है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर जीरो टैरिफ होता क्या है, और इससे भारत को नुकसान होगा या फायदा?
टैरिफ क्या होता है?
जब एक देश दूसरे देश से माल खरीदता है यानी आयात करता है, तो उस माल पर सरकार एक खास टैक्स लगाती है, जिसे टैरिफ या सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) कहते हैं. यह टैक्स इस लिए लगाया जाता है ताकि देश की अपनी कंपनियों को विदेशी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में नुकसान न हो, और साथ ही सरकार को इस माध्यम से राजस्व (Revenue) भी मिले.
फिर जीरो टैरिफ क्या है?
"जीरो टैरिफ" का मतलब है किसी खास या सभी उत्पादों पर सीमा शुल्क (Import Duty) को पूरी तरह से खत्म कर देना. यानी जब कोई देश दूसरे देश से माल मंगाएगा तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसका फायदा यह होता है कि विदेशी सामान सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को कम कीमत में वह प्रोडक्ट मिल जाता है. लेकिन, ये सुविधा एकतरफा नहीं होनी चाहिए. अगर सिर्फ एक देश ही दूसरे देश के सामान पर टैक्स न लगाए, और दूसरा देश टैक्स वसूलता रहे, तो इससे व्यापार में असंतुलन पैदा हो जाता है.
ट्रंप के दावे और भारत की स्थिति
ट्रंप ने जो दावा किया है, उसके अनुसार भारत ने अमेरिका को यह छूट दी है कि उसके उत्पादों पर भारत में कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कर दिया है कि इस तरह की कोई अंतिम सहमति नहीं बनी है और यह दावा सटीक नहीं है. उनका कहना है कि व्यापार समझौते संतुलित और दोनों देशों के लिए लाभकारी होने चाहिए. इसका सीधा मतलब है कि भारत अभी तक किसी ऐसे समझौते पर नहीं पहुंचा है जिससे अमेरिकी सामान को बिना टैक्स के भारत में प्रवेश की अनुमति मिल जाए.
भारत को नुकसान या फायदा?
अब बड़ा सवाल यह है कि अगर भारत अमेरिका के उत्पादों पर टैक्स हटाता है, तो इसका असर क्या होगा?
फायदे
नुकसान
क्यों होता है ‘जीरो टैरिफ’ समझौता?
ऐसे समझौते आम तौर पर दो देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए किए जाते हैं. इसे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) भी कहा जाता है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के साथ व्यापार को आसान बनाने के लिए टैक्स कम करते हैं या पूरी तरह हटा देते हैं. लेकिन, भारत अब तक हमेशा संतुलित समझौते करने की कोशिश करता रहा है, जहां अपने उद्योगों की सुरक्षा और किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाता है.
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