उत्तर प्रदेश की इटावा पुलिस के हत्थे एक ऐसा शातिर युवक चढ़ा है, जिसने सत्ता और पद की आड़ में प्रशासनिक तंत्र को गुमराह करने की कोशिश की. खुद को मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बताकर आरोपी ने यूपी के उपमुख्यमंत्री को फोन किया और अपने भाई को आपराधिक मामले से बचाने के लिए दबाव बनाया.
मंत्री बनकर किया फोन कॉल
इस पूरे मामले में आरोपी की पहचान अंकित सिंह परिहार के रूप में हुई है. उसने खुद को एमपी के ऊर्जा मंत्री बताते हुए यूपी के डिप्टी सीएम से संपर्क साधा. फोन कॉल में आरोपी ने यह दावा किया कि उसके भाई के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस को खत्म किया जाए. बातचीत की भाषा और संदिग्ध व्यवहार को देखते हुए पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की.
फर्जी दस्तावेज और पहचान पत्र बरामद
इटावा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से फर्जी एसपीजी कार्ड, यूपी पुलिस का नकली आईडी कार्ड समेत कई दस्तावेज बरामद किए हैं. जांच में पता चला कि अंकित इन दस्तावेजों का इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों और नेताओं को प्रभावित करने के लिए करता था.
भाई को बचाने के लिए रचा पूरा नाटक
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी का मुख्य उद्देश्य अपने भाई को बचाना था, जिस पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं. वह मंत्री की फर्जी पहचान बनाकर डिप्टी सीएम से सीधे प्रभाव डालना चाहता था, लेकिन उसका यह प्लान उल्टा पड़ गया.
अब पुलिस कर रही पूछताछ
फिलहाल इटावा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है कि फर्जी दस्तावेज कहां से बनाए गए और क्या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या वह इस तरह की ठगी पहले भी कर चुका है.
ये भी पढ़ें: छतरपुर में महिला ने दिया सांप के बच्चे को जन्म! हकीकत जानकर रह जाएंगे दंग, डॉक्टर ने बताया सच