Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के राजनगर तहसील अंतर्गत मऊ मसानिया गांव से एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने पूरे इलाके में तहलका मचा दिया. वीडियो में एक महिला और उसके साथ सांप जैसी दिखने वाली चीज नजर आ रही थी. इस वीडियो के वायरल होने के बाद गांव में लोगों के बीच अलग-अलग चर्चाएं और अफवाहें फैल गईं. ग्रामीणों का कहना था कि महिला ने सांप के बच्चों को जन्म दिया है, जो सुनने में जितना अजीब लगता है, उतना ही हैरान करने वाला भी था.
वायरल वीडियो का सच
इस वायरल वीडियो की असलियत कुछ और ही निकली. छतरपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर आलोक चौरसिया ने साफ किया कि महिला गर्भवती नहीं थी और यह घटना जैविक रूप से असंभव है. उन्होंने बताया कि वीडियो में जो सांप जैसी चीज नजर आ रही है, वह असल में ब्लड क्लॉथ (रक्त का थक्का) है. पीरियड्स के दौरान कभी-कभी खून अंदर जम जाता है और बाद में क्लॉथ की तरह बाहर निकलता है. यह पूरी घटना अंधविश्वास या भ्रांति का परिणाम मात्र है, न कि कोई असली सांप.
अंधविश्वास से बचने की ज़रूरत
डॉक्टर आलोक ने लोगों से आग्रह किया है कि वे इस तरह के वायरल वीडियो और अफवाहों को बढ़ावा न दें. गांवों में आज भी विज्ञान और जागरूकता की कमी के कारण अंधविश्वास गहराता जा रहा है, जो कई बार गंभीर समस्याएं भी खड़ी कर देता है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोग बिना जांच-परख के तरह-तरह की बातें फैला रहे हैं, जो गलतफहमी पैदा करती हैं.
गांवों में व्याप्त सांप और अंधविश्वास
मध्य प्रदेश के कई गांवों में सांप को लेकर कई अंधविश्वास प्रचलित हैं. सांप के काटने के मामले में लोग अक्सर अस्पताल की बजाय झाड़-फूंक और टोने-टोटके में भरोसा करते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है. डॉक्टरों का कहना है कि सही समय पर इलाज मिलने पर सर्पदंश से बचाव संभव है, इसलिए विज्ञान और चिकित्सा को प्राथमिकता देना जरूरी है.
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