Sambhal News: उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल जिले को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. जिले के प्राचीन धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और कायाकल्प के लिए सात करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. इसमें खास ध्यान दिया जाएगा कल्कि मंदिर और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर, ताकि इनकी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को पुनः स्थापित किया जा सके. अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य न केवल धार्मिक विकास, बल्कि शहर की गरिमा को भी पुनर्जीवित करना है.
कल्कि मंदिर के लिए विशेष बजट आवंटन
सात करोड़ रुपये में से तीन करोड़ रुपये सिर्फ कल्कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए आवंटित किए गए हैं. संभल के उपजिलाधारी विकास चंद्र ने शुक्रवार को इस योजना का निरीक्षण किया और बताया कि इस विकास परियोजना के तहत कल्कि मंदिर में भव्य परिक्रमा पथ, धार्मिक पेंटिंग, सुंदर बागीचे और श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा, भगवान कल्कि का भव्य घोड़ा भी मंदिर में स्थापित किया जाएगा, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक अविस्मरणीय अनुभव मिल सके.
संभल के अन्य धार्मिक स्थलों का भी कायाकल्प
कल्कि मंदिर के अलावा, संभल में कई अन्य धार्मिक स्थलों को भी विकास की सौगात मिलेगी. शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप जैसे प्राचीन स्थल भी इस योजना में शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन स्थलों का कायाकल्प किया जाएगा, जिससे इनकी धार्मिक महत्ता और पर्यटन के लिहाज से अहमियत बढ़ेगी.
कार्तिकेय महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण
संभल में हाल ही में 46 साल से बंद पड़े कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट प्रशासन ने खोले थे. इस कदम से यह साफ हो गया कि प्रशासन अब संभल के धार्मिक स्थलों के संरक्षण और पुनर्निर्माण के प्रति गंभीर है. 24 नवंबर 2023 को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुई हिंसा के कारण कार्तिकेय मंदिर के कपाट खोले गए थे. इसके बाद से संभल के अन्य विलुप्त तीर्थ स्थल और कूपों को पुनः खोजने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.
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