लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई दूरगामी नीतिगत फैसले लिए हैं. इन निर्णयों का मकसद राज्य में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, रोजगार अवसरों को बढ़ाना और पर्यावरण के अनुकूल योजनाओं को गति देना है. बैठक में कुल 16 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से 15 को मंजूरी मिली, जबकि एक प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया.
लखनऊ और कानपुर में ई-बस सेवा का विस्तार
राज्य सरकार ने शहरी परिवहन को स्वच्छ और कुशल बनाने के लिए लखनऊ और कानपुर में ई-बसें चलाने की योजना को मंजूरी दी है. दोनों शहरों में 10-10 प्रमुख रूटों पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. यह बसें पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के साथ ही यात्रियों को बेहतर सफर अनुभव देंगी.
इस योजना के तहत निजी ऑपरेटरों के साथ ‘नेट कॉस्ट बेसिक कॉन्ट्रैक्ट’ किया जाएगा, जिसमें ई-चार्जिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. एक बस की अनुमानित लागत ₹10 करोड़ है. यह कदम पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग अब बंद
बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. बता दें कि नई आउटसोर्सिंग नीति को मंजूरी दे दी गई है. इस नीति के तहत अब नियमित सरकारी पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती नहीं की जाएगी. यह बदलाव सरकारी सेवा प्रणाली में पारदर्शिता और स्थायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
छह साल की नई इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी को हरी झंडी
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह साल की नई इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग नीति को भी मंजूरी दे दी है. इस नीति का उद्देश्य राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का हब बनाना और निवेश को आकर्षित करना है.
निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 पर मुहर
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को मंजूरी दी है, जिसमें ₹882 करोड़ का अनुमानित व्यय तय किया गया है. यह नीति निर्यात को बढ़ावा देने, एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने पर केंद्रित होगी.
नई शैक्षणिक और क्षेत्रीय संस्थानों की स्थापना
शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को कैबिनेट से मंजूरी मिली है. यह विश्वविद्यालय मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित किया जाएगा. इसके अलावा, वाराणसी के रामनगर में तीन एकड़ भूमि पर समेकित क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए सरकार द्वारा निःशुल्क भूमि हस्तांतरित की जाएगी.
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