रेड सी में हूतियों को लगा बड़ा झटका, ईरान से आ रहा 7 टन हथियार यमन में पकड़ा गया, मिसाइल भी शामिल

    जहां एक ओर दुनिया यमन को मानवीय संकट के तौर पर देख रही है, वहीं इसके पीछे एक और गहराता हुआ सच है हथियारों की तस्करी और समुद्री सुरक्षा पर मंडराता खतरा.

    yemen-houthi-rebels-iran-drones-missile-seized
    Image Source: ANI

    Houthi Rebels: जहां एक ओर दुनिया यमन को मानवीय संकट के तौर पर देख रही है, वहीं इसके पीछे एक और गहराता हुआ सच है हथियारों की तस्करी और समुद्री सुरक्षा पर मंडराता खतरा. हाल ही में यमन से सामने आई एक बड़ी खबर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यह देश सिर्फ गृहयुद्ध का शिकार नहीं, बल्कि बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल का मैदान बन चुका है. दरअसल, यमन में हूती विद्रोहियों के लिए भेजी गई एक भारी-भरकम हथियारों की खेप को बीच में ही जब्त कर लिया गया. 7 टन से ज्यादा वजनी इस खेप में मिसाइलें, ड्रोन पार्ट्स और खतरनाक वारहेड्स शामिल थे. यह कार्रवाई यमन की निर्वासित सरकार से जुड़ी 'नेशनल रेज़िस्टेंस फोर्स' द्वारा की गई, जिसने दावा किया कि हथियारों की यह डिलीवरी हूतियों के हाथ लगने ही वाली थी.

    ईरान पर फिर उंगली, सबूतों में फारसी दस्तावेज़

    ईरान लंबे समय से इस बात से इनकार करता रहा है कि वह हूती विद्रोहियों को हथियार और सैन्य समर्थन देता है. लेकिन इस बार जब्त की गई खेप में जो मिला, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. हथियारों पर ईरान के रक्षा मंत्रालय से जुड़ी एक प्रतिबंधित कंपनी के निशान मिले हैं. इसके अलावा, फारसी भाषा में मौजूद तकनीकी मैनुअल्स ने ईरानी कनेक्शन की पुष्टि लगभग तय कर दी है. इस कार्रवाई पर अमेरिका की नजर थी, और सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने तुरंत इसे लेकर बयान जारी किया. उनके मुताबिक यह सबूत साबित करते हैं कि क्षेत्र में अशांति फैलाने में ईरान की भूमिकि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

    हूती हमलों से दहला रेड सी

    इस जब्ती की अहमियत इसलिए और भी बढ़ जाती है क्योंकि हूती विद्रोही इन दिनों रेड सी में अंतरराष्ट्रीय जहाजों को लगातार निशाना बना रहे हैं. हाल के हमलों में दो बड़े जहाज डूब चुके हैं, और कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है. नेशनल रेज़िस्टेंस फोर्स की ओर से जारी वीडियो फुटेज में वही एंटी-शिप मिसाइलें दिखाई गई हैं, जिनका उपयोग इन हमलों में हुआ था और अब ये मिसाइलें हूतियों के पास नहीं पहुंच पाईं. 

    2014 से यमन गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है. हूतियों ने राजधानी सना पर कब्ज़ा कर सरकार को बाहर कर दिया और 2015 से सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन इस जंग में शामिल है. अब तक 1.5 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और देश पूरी तरह मानवीय त्रासदी में डूब चुका है. लेकिन हालिया घटनाएं दिखाती हैं कि यह सिर्फ यमन का संघर्ष नहीं रहा. यह क्षेत्रीय ताकतों का युद्ध है, एक ओर ईरान समर्थित हूती, और दूसरी ओर सऊदी-अमेरिकी गठबंधन.

    ये भी पढ़ें- जिसे मौत के मुंह से निकाला, उसी ने तोड़ा दिल, किडनी देने वाली गर्लफ्रेंड को मिला धोखा