US Strikes On Yemeni Oil Port: मिडल ईस्ट में तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. यमन के रास इसा पोर्ट पर अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बाद हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं. हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि इन हमलों में अब तक 74 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 171 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हूती गुट ने इन हमलों को अब तक का "सबसे घातक हवाई हमला" बताया है, जो बीते एक महीने से जारी अमेरिकी कार्रवाई की श्रृंखला का हिस्सा है. हालांकि अमेरिकी सेना ने इन मौतों की पुष्टि नहीं की है.
रास इसा पोर्ट बना हूतियों की कमर तोड़ने का टारगेट
अमेरिका की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने जानकारी दी कि ये एयरस्ट्राइक यमन के उत्तरी तट पर स्थित रास इसा पोर्ट को निष्क्रिय करने के मकसद से की गई. CENTCOM ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ईरान समर्थित हूती गुट इस बंदरगाह से मिलने वाले ईंधन का इस्तेमाल अपने सैन्य अभियानों और नियंत्रण को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं. ईंधन की आमदनी से हथियार खरीदे जा रहे हैं, और यह आम नागरिकों तक न पहुंचकर हूती विद्रोहियों की जेब में जा रहा है. ऐसे में इस बंदरगाह को निशाना बनाना आवश्यक हो गया था.
रेड सी और गल्फ ऑफ एडन में हूती हमलों की प्रतिक्रिया
अमेरिका द्वारा की गई यह जवाबी कार्रवाई उन लगातार हमलों की प्रतिक्रिया है, जो हूती विद्रोही रेड सी और गल्फ ऑफ एडन में वाणिज्यिक व सैन्य जहाजों पर कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये हमले गाजा में फिलिस्तीनी संघर्ष के समर्थन में किए जा रहे हैं.
मानवीय संकट और बढ़ने की आशंका
रास इसा पोर्ट यमन की ईंधन आपूर्ति की रीढ़ है. वहां काम करने वाले नागरिकों की मौजूदगी के चलते यह हमला मानवीय संकट को और गहरा कर सकता है. ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से यमन में पहले से ही जारी गरीबी, भुखमरी और स्वास्थ्य संकट और ज्यादा गंभीर हो सकता है.