Yamuna Flood News: 1 सितंबर, सोमवार सुबह दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 205 मीटर से ऊपर है. चेतावनी स्तर पहले ही पार हो चुका है, और अब नदी का पानी निचले इलाकों की ओर बढ़ने लगा है.
यमुना में जलस्तर बढ़ने की मुख्य वजह है हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज और दिल्ली के वज़ीराबाद बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी. हथिनीकुंड से 53,950 क्यूसेक और वज़ीराबाद से 51,210 क्यूसेक पानी हर घंटे छोड़ा जा रहा है. आमतौर पर यह पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है, लेकिन इस बार अधिक मात्रा में पानी आने से हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं.
राहत शिविर तैयार, निचले इलाकों में सतर्कता
प्रशासन ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मयूर विहार जैसे क्षेत्रों में टेंट और राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू कर दी है. यमुना किनारे बसे निचले इलाकों के निवासियों को अस्थायी शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है. पुराने रेलवे ब्रिज से जलस्तर पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
206 मीटर पहुंचा जलस्तर तो शुरू होगा बड़े पैमाने पर रेस्क्यू
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कहा है कि अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो प्रभावित इलाकों से बड़े पैमाने पर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें अलर्ट पर हैं. मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों में राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इससे जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे खतरा और गहरा जाएगा.
अफवाहों से बचें, निर्देशों का पालन करें
अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. लोगों से कहा गया है कि वे जरूरत पड़ने पर तुरंत निकासी के लिए तैयार रहें.
48 घंटे बेहद अहम
दिल्ली के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं. यदि बारिश थमती है और बैराजों से पानी का बहाव कम होता है, तो हालात काबू में आ सकते हैं. लेकिन अगर मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा, तो राजधानी एक बार फिर जलजमाव और बाढ़ की बड़ी चुनौती का सामना कर सकती है.
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