क्या अब स्मार्टफोन पर लगेगी लगाम? इस शहर में स्क्रीन टाइम सीमित करने की तैयारी

    Smartphone Usage Limits: स्मार्टफोन आज हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है, सुबह की शुरुआत अलार्म से और रात का अंत स्क्रॉलिंग के साथ. लेकिन जिस तकनीक ने हमें जोड़ा है, वही धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्तों और नींद जैसी ज़रूरी चीज़ों को निगलती जा रही है. 

    Will smartphones be curbed now Preparations to limit screen time in japan
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    Smartphone Usage Limits: स्मार्टफोन आज हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है, सुबह की शुरुआत अलार्म से और रात का अंत स्क्रॉलिंग के साथ. लेकिन जिस तकनीक ने हमें जोड़ा है, वही धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्तों और नींद जैसी ज़रूरी चीज़ों को निगलती जा रही है. 

    अब इस डिजिटल लत पर लगाम लगाने की कोशिश जापान के तोयोआके शहर ने की है, जहां जल्द ही प्रतिदिन केवल दो घंटे स्मार्टफोन इस्तेमाल करने का नियम लागू हो सकता है.

    स्मार्टफोन डिटॉक्स की दिशा में पहला कदम?

    तोयोआके शहर के मेयर मासामी कोकी ने हाल ही में यह घोषणा की कि एक प्रस्तावित अध्यादेश के तहत लोग काम और पढ़ाई से इतर स्मार्टफोन, टैबलेट या कंप्यूटर का उपयोग दिन में अधिकतम दो घंटे तक ही कर सकेंगे.

    हालांकि, यह नियम कानूनी बाध्यता वाला नहीं होगा और इसका उल्लंघन करने पर कोई जुर्माना या सजा नहीं दी जाएगी. यह केवल एक सामाजिक मार्गदर्शन (guideline) होगा, जिसका मकसद लोगों को स्मार्टफोन की लत से बाहर निकालना और एक संतुलित जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है.

    क्यों लिया गया ये निर्णय?

    मार्च 2025 में जापान में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, देश के युवा रोजाना औसतन पांच घंटे से ज्यादा समय फोन या अन्य स्क्रीन डिवाइसेज़ पर बिताते हैं. इसके चलते नींद की कमी, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, सामाजिक जीवन से कटाव और बच्चों की पढ़ाई पर असर जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं. मेयर कोकी का मानना है कि अगर समय रहते पहल नहीं की गई, तो इसके परिणाम भविष्य की पीढ़ी पर भारी पड़ सकते हैं.

    नियम में क्या-क्या प्रावधान हैं?

    स्कूल के बाद बच्चे दिन में केवल 2 घंटे ही स्मार्टफोन का उपयोग कर सकेंगे. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को रात 9 बजे के बाद मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी जाएगी. बड़े बच्चों (कक्षा 6 और ऊपर) के लिए यह सीमा रात 10 बजे तक होगी. वयस्कों को भी सीमित स्क्रीन टाइम अपनाने की प्रेरणा दी जाएगी.

    लोगों की प्रतिक्रियाएं

    हालांकि नियम जागरूकता-आधारित है, फिर भी शहर के कई नागरिकों ने इसे अव्यवहारिक बताया है. सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा, "दो घंटे में तो हम दिन की बेसिक डिजिटल एक्टिविटी भी पूरी नहीं कर सकते." वहीं, कुछ लोगों ने इसे बच्चों के लिए एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम बताया. गौरतलब है कि 2020 में जापान के कागावा प्रान्त में भी इसी तरह का नियम लागू किया गया था. अब तोयोआके इस राह पर अगला शहर बन सकता है.

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