इंग्लैंड की राजधानी लंदन में शनिवार को हुए एक बड़े विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें 26 पुलिस अधिकारी घायल हो गए और 24 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. इसके एक दिन बाद, रविवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस घटना पर सख्त प्रतिक्रिया दी और पुलिस पर हमलों और नस्लीय धमकियों की कड़े शब्दों में निंदा की.
स्टार्मर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “ब्रिटेन कभी उन लोगों के सामने नहीं झुकेगा जो हिंसा के लिए हमारे राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल करते हैं. इंग्लिश झंडा सिर्फ कुछ लोगों का नहीं, बल्कि हमारे विविध और सहिष्णु समाज का प्रतीक है.”
हिंसा के बीच झंडे की राजनीति
शनिवार को दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन की अगुवाई में 'यूनाइट द किंगडम' नाम की रैली लंदन की सड़कों पर निकली. आयोजकों के अनुसार, यह रैली “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के समर्थन में थी, लेकिन जल्द ही प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया और पुलिस से भिड़ंत शुरू हो गई. इस झड़प में 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए. कई प्रदर्शनकारियों के हाथों में ऐसे पोस्टर थे जिन पर लिखा था – “नावों को रोको”, “हमें वापस हमारा देश दो”, और “हमारे बच्चों को बचाओ.”
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी को भी अपने विरोध प्रदर्शन के अधिकार का दुरुपयोग कर के पुलिस पर हमला करने या समुदाय विशेष को डराने का अधिकार नहीं है. “हमारी धरती पर कानून का राज है. किसी को भी नफरत फैलाने या पुलिसकर्मियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जाएगी,” उन्होंने कहा.
विरोध के जवाब में भी हुआ मार्च
टॉमी रॉबिन्सन की रैली के जवाब में ‘स्टैंड अप टू रेसिज्म’ संगठन द्वारा पांच हज़ार लोगों की एक शांतिपूर्ण रैली निकाली गई, जिसमें विविधता और समानता का समर्थन किया गया. यह मार्च भी लंदन की सड़कों पर निकला और शांतिपूर्वक संपन्न हुआ.
प्रवासी मुद्दों पर छिड़ी बहस
यह प्रदर्शन उस वक्त हुआ है जब ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों, खासकर इंग्लिश चैनल पार कर छोटी नावों से आने वालों को लेकर सरकार और आम लोगों के बीच बहस तेज़ है. सरकार की ओर से इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया जा रहा है, जबकि कई मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि इस बहस को नस्लीय रंग दिया जा रहा है.
स्टार्मर की दो टूक – “नफरत नहीं सहिष्णुता ही असली ब्रिटिश पहचान”
अपने बयान में प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, “हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जिसकी नींव सहिष्णुता, विविधता और सम्मान पर रखी गई है. हम अपने झंडे को उन लोगों के हवाले नहीं करेंगे जो उसे डर, नफरत और बंटवारे के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं.”उन्होंने आगे कहा कि “ब्रिटेन में हर व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से आता हो या उसकी त्वचा का रंग कोई भी हो, बराबरी का अधिकार है. हिंसा और नस्लभेद के खिलाफ हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है – हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
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